रायपुर। अब प्रदेश के जिला अस्पतालों में निजी विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी। शासकीय अस्पतालों की अधोसंरचना सुधारने के लिए इस वर्ष 98.20 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था हेतु निर्देश दिए। साथ ही प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्था की भी जानकारी ली।

जिला अस्पतालों में हो फायर-सेफ्टी ऑडिट

बैठक में श्री सिंहदेव ने आयुष विभाग और कंट्रोलर, फूड व ड्रग्स के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने जिला चिकित्सालयों की कमियों और खामियों को दूर करते हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के निर्देश दिए। विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी वाले जिला अस्पतालों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सेवाएं लेने कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला खनिज निधि या जीवनदीप समिति की राशि का उपयोग किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग भी राशि उपलब्ध कराएगी। सुरक्षा के लिहाज से सभी जिला चिकित्सालयों में फायर-सेफ्टी ऑडिट कराकर प्रमाणित एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के भी निर्देश दिए।

अधोसंरचना मजबूती हेतु 98 करोड़ 20 लाख रु का प्रावधान

सिंहदेव ने बैठक में कहा कि अस्पतालों की अधोसंरचना मजबूत करने के लिए इस वर्ष 98 करोड़ 20 लाख रु का प्रावधान किया गया है। पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के नए भवन के लिए साढ़े 12 करोड़ रु, 36 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 100 स्टॉफ क्वार्टरों के लिए साढ़े 36 करोड़ रु, 19 जिला चिकित्सालयो में 100 स्टॉफ क्वार्टरों के लिए साढ़े 36 करोड़ रु. तथा 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए 12 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।

महिलाओं और बच्चों के इलाज के प्रति बने अतिरिक्त संवेदनशील

स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में अच्छा काम करने वाले सिविल सर्जनों का उत्साह बढ़ाया। साथ ही खराब प्रदर्शन वाले जिलों के सिविल सर्जनों को जल्द से जल्द काम सुधारने कहा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के इलाज के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता बरतें। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं होना चाहिए। उन्होंने अस्पतालों से निकलने वाले बायो-मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल उच्चतम न्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

एमसीआई के अनुरूप हो मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था

सिंहदेव ने सभी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों के अनुरूप व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों को पिछले तीन वर्ष में मिली राशि और किए गए खर्चों की जानकारी उपलब्ध कराने कहा।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट होगा ऑनलाइन

पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ऑनलाइन किया जाएगा। जिसमें जानकारी होगी कि कब लाश आई, कब उसका पोस्टमार्टम हुआ और थाने को रिपोर्ट कब गई। बता दें कि मौत के बाद लोगों का पोस्टमार्टम करने कई तरह की परेशानी होती है। कई बार डॉक्टरों पर आरोप लगे है कि पोस्टमार्टम सही तरीके से नहीं किया गया या रिपोर्ट बदल दिया गया है। जिससे स्वास्थ्य विभाग की बदनामी होती थी। अब ऑनलाइन रिपोर्ट से इस मामले में और पारदर्शिता आएगी।

मेकाहारा की क्षमता बढ़ेगी

साथ ही मंत्री टीएस सिंहेदव ने कहा कि मेकाहारा की क्षमता दोगुना करने की ज़रुरत है। मेकाहारा में 700 बिस्तर है, लेकिन वहां 1400 मरीज है। जिसकी क्षमता को बढ़ाने से वहां बेहतर चिकिसत्सा सुविधाएं लोगों को मिल सकेगी।