बिश्केक। भारत के आतंकवाद विरोधी अभियान को शंघाई कॉरपोरेशन आॅर्गनाइजेशन (एससीओ) में बड़ी कामयाबी मिली है। सभी सदस्य देशों की तरफ से इस समिट का जो घोषणापत्र जारी किया गया, उसमें आतंकवाद अहम मुद्दा है।

इतना ही नहीं भारत जिस क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म यानि सीमा पार के आतंकवाद को लगातार उठाता रहा है, उसे भी घोषणापत्र में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा था कि सभी देशों को साथ में आकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए।

एससीओ-2019 के 31 पेज वाले घोषणापत्र में लिखा गया है कि सभी सदस्य देश मानते हैं कि क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद सभी देशों के लिए चिंता का विषय है।

आतंकवाद को बढ़ावा देना और आतंकियों को पनाह देना दुनिया के लिए खतरा है। इसके जरिए ड्रग ट्रैफिकिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, साइबर क्राइम में बढ़ोतरी हो रही है। साथ ही विकास, क्लाइमेट चेंज में सुधार की कोशिशों को झटका लग रहा है।

इसके साथ सभी देशों ने निर्णय किया है कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का पालन करते हुए आतंकवाद का सामना करेंगे, इस बीच कोई भी राजनीतिक द्वेष बिना किसी डबल स्टैंडर्ड के कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। साथ ही किसी भी देश के द्वारा आतंकियों के समर्थन और आतंकी गुटों के समर्थन को बिल्कुल भी सहा नहीं जाएगा।

पीएम मोदी ने क्या कहा अपने बयान में:

इस घोषणापत्र के ऐलान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बयान जारी किया था, तो उसमें आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि हमें आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट होना होगा और आतंकवाद के मुद्दे पर ही अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को बुलाना होगा।

अपने भाषण में पीएम ने अपील करते हुए कहा कि आतंक से निपटने के लिए हमें एक होना होगा और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करना चाहिए। आतंकवाद रोज मासूमों की जान लेता है। आतंक का सफाया जरूरी है और इसे निपटाने के लिए सभी को साथ आना होगा।

हताशा में इमरान खान ने तोड़ा प्रोटोकॉल:

भारत को मिली सफलता से हताश इमरान खान उसवक्त भी बैठे दिखाई दिए जब समिट के सारे सदस्य एक साथ खड़े थे। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के चेहरे पर हताशा साफ-साफ दिखाई दे रही थी।

 

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