रायपुर। राज्य सरकार ने जिला स्तर पर तबादलों की तारीख तय कर दी है। ये स्थानांतरण 28 जून से 12 जुलाई के बीच होंगे। ये सारे नियम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तय किए है। नियमानुसार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री की अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा किये जाने का प्रावधान रखा गया है। स्थानांतरण का प्रस्ताव संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा तैयार किया जायेगा,जिसे कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को प्रस्तुत किया जायेगा और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर तबादला आदेश जारी करेंगे। तबादलों की अधिकतम सीमा कर्मचारियों की कुल संख्या के दस फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। इसमें परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किये गये तबादलों की गिनती नहीं की जाएगी।
कौन-कौन सी हैं हिदायतें:
तबादला नीति में इस बात पर ध्यान रखने कहा गया है कि यदि किसी कर्मचारी का तबादला अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में किया जा रहा है,तो रिक्त हुए जगह पर कौन ज्वाइन करेगा,इसकी जानकारी भी स्थानांतरण प्रस्ताव में आवश्यक रुप से शामिल किया जाना चाहिये। स्थानांतरण के समय युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का भी आवश्यक रुप से ध्यान रखे जाने की अनिवार्यता रखी गई है। यानि कि ऐसे जगहों पर जहां पहले से कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है,वहां पर किसी और कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। इसी प्रकार दिव्यांग शासकीय सेवकों का स्थानांतरण ऐसे जगह पर किया जाना है,जहां पर आवागमन की सुविधा हो। किसी कर्मचारी के रिटायरमेंट में यदि एक साल का समय शेष रह गया हो,तो उन्हें अपने गृह जिले या फिर उनकी इच्छा के अनुरुप मांगे गये जिले में किया जा सकेगा।
शिक्षकों और सहायक शिक्षकों के तबादलों के संबंध में यह नीति बनाई गई है कि शैक्षणिक व्यवस्था को ध्यान में रखकर ही तबादले किये जा सकेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में तबादलों को प्रोत्साहित नहीं किये जाने की बात कही गई है। जिला स्तर पर स्थानांतरण आदेशों का क्रियान्वयन 30 जुलाई 2019 तक सुनिश्चित करना होगा और ज्वाइनिंग नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।

राज्य स्तर पर 15 जुलाई से हो सकेंगे स्थानांतरण:
राज्य स्तर पर तबादलों के लिये अलग से नीति बनाई गई है। इसके तहत राज्य स्तर पर स्थानांतरण की तिथि 15 जुलाई से 14 अगस्त तक किये जा सकेंगे। राज्य स्तरीय स्थानांतरण विभागीय मंत्रियों के अनुमोदन से ही किये जा सकेंगे। राज्य स्तरीय स्थानांतरण का प्रस्ताव विभागीय सचिव के माध्यम से विभागीय मंत्री को भेजे जायेंगे और विभागीय मंत्री द्वारा अनुमोदन के बाद स्थानांतरण आदेश जारी किया जा सकेगा। बाकी सभी नियम और शर्ते उसी प्रकार की है,जिस प्रकार जिला स्तर के तबादलों के संबंध में लागू किया गया है।

राज्य स्तर पर तबादलों की संख्या अधिकारियों की कुल संख्या के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी,इसी प्रकार तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये तबादलों की अधिकतम संख्या 10 फीसदी होगी। राज्य स्तरीय तबादलों में विभागीय सचिव को जिम्मेदारी दी गई है कि वो तबादले से पहले स्थितियों का परीक्षण कर लें और हर हाल में 31 अगस्त तक तबादलों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। ज्वाइनिंग नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है। स्थानांतरण के बाद रिक्त हुए जगह पर प्रभारी अधिकारी के रुप में जूनियर अधिकारी की नियुक्ति नहीं किये जाने की बात भी कही गई है।

स्थानांतरण के विरुद्ध दे सकते हैं अभ्यावेदन:
स्थानांतरण से व्यथित अधिकारी-कर्मचारी तबादले के खिलाफ आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर अभ्यावेदन पेश कर सकेंगे। शासन द्वारा गठित वरिष्ठ सचिवों की समिति इन अभ्यावेदनों का परीक्षण करेगी और परीक्षण के बाद उचित निर्णय ले सकेगी।
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