नई दिल्ली। कई बार आपका फोन खो जाता है या चोरी हो जाता है, लेकिन शातिर चोर आपके फोन में सिम कार्ड तोड़ कर फैंक देते हैं तथा फोन का आईएमईआई नंबर ( IMEI Number )  बदल लेते हैं जिससे फोन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। केंद्र सरकार मोबाइल फोन चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए अगले महीने से नई तकनीक शुरू करने जा रही है।

यदि फोन से सिम कार्ड निकाल लिया गया हो या फिर हैंडसेट की पहचान के लिए जारी किए जाने वाले यूनिक कोड आईएमईआई नंबर ( IMEI Number ) को बदल दिया गया हो, तब भी नई तकनीक से फोन को ट्रेस किया जाना संभव होगा। यही नहीं, फोन के चोरी होते या गुम होते ही सभी तरह का डेटा और सर्विसेस बंद हो जाएंगी। यानी कि जिस भी शख्स ने फोन चोरी किया है, वह इसका इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।

दूर संचार विभाग ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स ( Centre for Development of Telematics ) के साथ नई तकनीक तैयार की है। विभाग ने इसे लॉन्च करने के लिए मंत्रालय से संपर्क किया था लेकिन संसद सत्र की वजह से इसे टाल दिया गया है। 26 जुलाई को सत्र के समापन के बाद इस तकनीक की लांचिंग की जा सकती है। दूरसंचार विभाग ने महाराष्ट्र में इस तकनीक का सफल ट्रायल पूरा कर लिया है।

मोबाइल कंपनियों को डेटा साझा करना होगा

नए सिस्टम से टेलीकॉम कंपनियों को अपने डेटा को दूरसंचार विभाग से साझा करना होगा। उन्हें अपने नेटवर्क को इस तरह अपडेट करना होगा कि सीआईईआर उसे एक्सेस कर ले। यही नहीं, कंपनियों को सिम कार्ड या फोन ब्लॉक करने के अधिकार भी सीआईईआर से साझा करना होगा। डेटा सिर्फ फोन ढूंढ़ने के काम में सिम निकले या आईएमईआई नंबर बदले, तब भी ट्रेस हो जाएगा फोन।

 

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