रायपुर। हैरत की बात है मगर यह सच भी है कि पिछले तीन सालों में शासन के एक भी IAS अधिकारी शासकीय कार्य से विदेश दौरे पर नहीं गए। जी हां यह खुलासा विभाग में लगाए गए आरटीआई ( RTI ) में हुआ है। दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट उचित शर्मा ने सामान्य प्रशासन विभाग में आरटीआई ( RTI )  के जरिए वर्ष 2015 से 2018 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Service ) के ऐसे अधिकारी जो विदेश यात्रा शासन कार्य या व्यक्तिगत कार्य से गए हैं उनकी जानकारी मांगी थी।

एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण

मगर शासन ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (ञ) ( Right to Information Act ) का हवाला देते हुए विदेश यात्रा के संबंध में जानकारी देने से इंकार कर दिया। शासन ने तर्क दिया है कि इसकी जानकारी देने से यह व्यक्ति की एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण होगा। शासन के इस जवाब का मतलब यह निकलता है कि जितने भी IAS अधिकारी पिछले तीन सालों के दौरान विदेश यात्रा पर गए हैं वह निजी यात्रा थी। शासकीय दौरे पर एक भी आईएएस अधिकारी विदेश नहीं गए हैं।

क्या है सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (ञ)

सूचना, जो व्यक्तिगत सूचना से संबंधित है, जिसका प्रकटन किसी लोक क्रियाकलाप या हित से संबंध नहीं रखता है या जिससे व्यक्ति की एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण होगा, जब तक की, यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी या अपील प्राधिकारी का यह समाधान नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना का प्रकटन विस्तृत लोक हित में न्यायोचित है।  परन्तु ऐसी सूचना के लिए, जिसको, यथास्थिति, संसद या किसी राज्य विधान–मंडल को देने से इंकार नहीं किया जा सकता है, किसी व्यक्ति को इंकार नहीं किया जा सकेगा।

क्या कहते हैं सोशल एक्टीविस्ट

इसका खुलासा होना बेहद जरूरी

यदि IAS अधिकारी छुट्टी लेकर स्वयं के व्यय पर विदेशी दौरे पर जाते हैं तो इसकी जानकारी सूचना का अधिकार के अधिनियम ( Right to Information Act ) में नहीं आती। मगर जब अधिकारी शासकीय राशि का व्यय कर विदेश जाते हैं तो इसकी जानकारी शासन को देनी चाहिए। इसका खुलासा होना बेहद जरूरी है। शासन का पैसा आम आदमी का पैसा है इसकी जानकारी सूचना का अधिकार के तहत दी जानी चाहिए। अगर शासन इसकी जानकारी नही देता है तो ऐसे ही शासकीय अधिकारी विदेश जाकर छुट्टियां बिताएंगे। जो आम जनता की गाढ़ी कमाई का दुरूपयोग है।

विनोद दास
आरटीआई एवं सोशल एक्टिविस्ट

जानकारी अगर विस्तृत लोकहित में है तो जानकारी मुहैया करा सकता है

आवेदक द्वारा शासकीय कार्य तथा व्यक्तिगत विदेश यात्रा की जानकारी मांगी गई थी। जहां तक सूचना के अधिकार अधिनियम ( Right to Information Act ) की धारा 8(1)(j) का प्रश्न है शासकीय कार्य के संबंध में विदेश यात्रा पर यह धारा लागू ही नहीं होगी। व्यक्तिगत सूचना के संबंध में जन सूचना अधिकारी को यह देखना होगा कि चाही गई जानकारी अगर विस्तृत लोकहित में है तो वह जानकारी मुहैया करा सकता है। धारा 8(1)(j)का एक प्रावधान कहता है की ऐसी व्यक्तिगत सूचनाएं नहीं देनी है जिनसे व्यक्तिगत निजता का होता हो विदेश यात्रा कि सिर्फ जानकारी देने से किसी भी व्यक्ति की प्राइवेसी का हनन होने का प्रश्न ही नहीं होता। जन सूचना अधिकारी को व्यक्तिगत जानकारी देने से मना करने के पूर्व यह भी देखना होगा कि कल को अगर विधानसभा या संसद उक्त अधिकारी की व्यक्तिगत विदेश विदेश यात्रा की जानकारी मांगता है और जन सूचना अधिकारी विधानसभा तथा संसद को वह जानकारी देने से मना कर सकता है तभी उस जानकारी को देने से नागरिक को मना कर सकता है अन्यथा उसे जानकारी मुहैया करानी चाहिए।

ब्यास मुनि द्विवेदी
आरटीआई एवं सोशल एक्टिविस्ट

 

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