रायपुर। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों (Chhattisgarhi dishes) को अलग पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने होटल संचालकों से मार्मिक अपील की है। उन्होंने कहा है कि यहां के होटलों के मेनू कार्ड में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों (Chhattisgarhi dishes) को भी स्थान मिलना चाहिए। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University Raipur) में आयोजित सहकारिता सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ये बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह अपील की है।

क्वांटिटी के साथ क्वालिटी पर देना होगा ध्यान

उन्होंने (CM Bhupesh Baghel) कहा कि सहकारिता आंदोलन का लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान समय प्रतिस्पर्धा का युग है। आपकी लड़ाई कॉर्पोरेट से है। इस स्पर्धा में आपको आगे आना है। आगे उन्होंने कहा कि क्वांटिटी के साथ ही क्वालिटी पर भी ध्यान देना होगा। आपके द्वारा बनाये गए प्रोडक्ट के आउटलेट क्यों नहीं हैं। प्रदेश के उत्पादों को बेचना जरूरी है। यह तभी संभव है जब छत्तीसगढ़ी व्यजनों को प्रदेश के होटलों में उचित स्थान मिले। तभी सहकारिता को मदद मिलेगी।

हर गाँव में बनेंगे कम्पोस्ट खाद

सहकारिता आपके जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। पशुधन हमारे लिए पहले ताकत थे लेकिन आज बोझ बन चुके हैं। उनसे दूध मिलने के बाद उन्हें लावारिस छोड़ दिया जा रहा। मवेशी प्रबंधन के लिए हम गौठान बना रहे है। हर गाँव में कम्पोस्ट खाद बनाएंगे।

पिछली सरकार में चारा आदमी खा गए

सीएम (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि केवल चुनावी साल में नहीं हम हर साल 2500 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदेंगे। दो फसल लेना अभी के हालात में मुश्किल है। पिछली सरकार ने चारा दिया लेकिन चारा आदमी खा गए। चारा नहीं मिलने से पशुओं की मौते हुई थी उनकी हड्डिया गिनी जा सकती थी। जल स्तर काफी नीचे चला गया है। सहकारी ट्रेनिंग के लिए जमीन और भवन सरकार देगी। सहकारिता से जुड़े लोगों का नरवा गरूआ घुरूवा बारी बाड़ी में स्वागत है। वर्तमान में गाय वोट का साधन बन गयी है। गाय को लेकर हत्याएं हो रही हैं।

 

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