रायपुर। भिलाई के वैशाली पुलिस चौकी (Vaishali police chauki) के करीब ही रामनगर में राजनांदगांव के खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम (Food and Drugs department team of Rajnandgaon) ने  छापा मार कर 17.5 लीटर प्रतिबंधित आक्सीटोसिन लिक्विड( restricted oxytocin liquid) बरामद की गई है। इसका इस्तमाल पहले जानवरों से जबरन दूध निकालने, फलों और सब्जियों(Fruits and vegetables) का आकार बढ़ाने में इस्तेमाल होता था। यही कारण हैं कि इस दवा पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। भिलाई में इतनी बड़ी मात्रा में आक्सीटोसिन मिलने से पूरा स्वास्थ्य विभाग परेशान है। इन लोगोे से जवाब देते नहीं बन रहा है।

कैसे चला पता:
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के अमले को किसी ने सूचना दी थी कि भिलाई के वैशालीनगर पुलिस चौकी के पास रामनगर में विवेक गुप्ता नामक आदमी इसकी सप्लाई करता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उसको बड़े आफर का लालच देकर बुलाया। इसके बाद उसकी जांच शुरू की। इसके बाद जब मामला जांच में सही पाया गया तो उन लोगों ने विवेक गुप्ता के गोदाम पर छापा मार दिया। इसमें मौके पर इतनी बड़ी तादाद में लिक्विड देखकर दंग रह गए। यहां छापे के दौरान 8 लीटर तैयार लिक्विड और इसके अलावा 9.5 लीटर लिक्विड बनाने का कच्चा माल बरामद किया गया।

कहां-कहां पहुंचाता है नुकसान:
शहर के प्रसिध्द पशु चिकित्सक डॉ.संजय जैन ने बताया कि ये ( restricted oxytocin liquid) मनुष्यों और पशुओं दोनों के लिए ही समान रूप से हानिकारक है। इसका उपयोग कुछ लोग (Fruits and vegetables) लौकी, प्याज, कद्दू जैसी सब्जियों को बढ़ाने के लिए करते हैं। कुछ जगहों पर तो केले को भी बढ़ाने में इसका इस्तेमाल किया जाता था। ऐसे फल, सब्जी या फिर दूध अगर कोई गर्भवती महिला सेवन करती है तो उसका एबॉर्शन हो सकता है। तो वहीं उसके डॉक्टर को ये पता भी नहीं चलेगा कि उनके मरीज के साथ ऐसा हुआ कैसे? आक्सीटोसिन( restricted oxytocin liquid) इतना घातक है कि ये उबालने पर भी नष्ट नहीं होता। अब चाहे वो सब्जियां हों या फिर दूध कितना भी उबाल लें मगर इसकी मात्रा उसमें पड़ी रहती है। जैसे ही ये पेट में जाती है काम करना शुरू कर देती है।

कैसे डालती है प्रभाव:
डॉ. संजय जैन ने कहा कि इस दवा ( restricted oxytocin liquid) का पहला इफेक्ट तो यूटेरस के ऊपर होता है। ये उसका कंजेशन बढ़ाता है। तो वहीं इसका दूसरा असर दुग्ध ग्रंथियों पर होता है। इससे उनमें दूध उतर आता है। इस दवा के इसी गुण के कारण लोग इसका इस्तेमाल पशुओं में करते हैं। ऐसा दूध नहीं पीना चाहिए। डॉक्टर जैन ने लोगों से टीआरपी के माध्यम से अपील की कि अगर उनको पता चले कि अमुक दूध वाला अपने जानवरों का दूध आक्सीटोसिन ( restricted oxytocin liquid) लगाकर निकालता है तो उसका दूध बिल्कुल भी न इस्तेमाल करें।
सरकार ने लगाया प्रतिबंध:
इस दवा को केंद्र और राज्य सरकार प्रतिबंधित कर चुकी है। ऐसे में देखना अब ये होगा कि निरीक्षण करने गई खाद्य विभाग की टीम  इनके ऊपर किस तरह की कार्रवाई करती है?

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