नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 के 2 खंडों को निरस्त (2 sections of article 370 canceled) करने के बाद सरकार अब जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में निवेशकों को न्यौता (Invitation to investors) देने जा रही है। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में यह आयोजन दशहरे के आसपास ही होने की संभावना है। इसमें देश के तमाम नामी-गिरामी कारोबारी (Well-known trader) हिस्सा लेंगे। केंद्र सरकार अब जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में युवाओं के हाथों में रोजगार थमाएगी। इसके अलावा वहां उद्योगों के लगने से राज्य की माली हालत में भी सुधार आएगा। पहले अनुच्छेद 370 इसमें बड़ी बाधा उत्पन्न कर रहा था।

50 फीसदी तक बढ़ सकते हैं एसेट्स के दाम:
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक अगर चाहे तो वो जम्मू-कश्मीर में घर, प्लॉट, खेती की जमीन, दुकान वगैरह खरीद सकेगा। पहले केवल राज्य का निवासी ही संपत्ति को खरीद सकता था और भारतीयों को संपत्ति खरीदने पर रोक थी। इससे जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के रियल एस्टेट सेक्टर में 50 फीसदी तक उछाल(Assets prices may increase by up to 50 percent) की उम्मीद की जा रही।

अनुच्छेद 370 के समाप्त होने से जम्मू-कश्मीर में अब जमीन खरीदना, उद्योग लगाना आसान हो जाएगा। इसके कारण कश्मीर के बाहर के लोग प्रदेश में जमीन-जायदाद में निवेश नहीं कर पाते थे। इस कारण उद्योगपति अपना कारखाना नहीं लगा पाते थे। सरकार ने कहा कि यह अनुच्छेद राज्य में निजी या वैश्विक निवेश के मार्ग में बाधक था। अधिकारियों को उम्मीद है कि हालात जब सुधरेंगे और शांति बहाल होगी, तब लोगों को समझ में आएगा कि विशेष दर्जा समाप्त करना उनके हित में था।

सिर्फ खंड-1 रहेगा बाकी प्रावधान नहीं: अमित शाह
गौरतलब है कि सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प सदन में पेश किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लागू धारा 370 में सिर्फ खंड-1 रहेगा, बाकी प्रावधानों को हटा दिया जाएगा।

इसके अलावा नए प्रावधान में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन का प्रस्ताव भी शामिल है। उसके तहत जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश होगा और लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग कर दिया गया है। उसे भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। हालांकि वहां विधानसभा नहीं होगी।

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