दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा विधानसभा सीट (Dantewada Assembly Seat) पर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस सीट पर होने जा रहे उपचुनाव (By-Election) में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी के बीच ही सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से भाजपा किसे बतौर प्रत्याशी उपचुनाव में उतारती है।

उपचुनाव में बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता शहीद विधायक भीमा मंडावी (Bheema Mandavi) की पत्नी ओजस्वी मंडावी को पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के प्रचार के दौरान नक्सलियों के बारूदी विस्फोट में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी। दंतेवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव (By-Election) की घोषणा होते ही उनके समर्थक अब पत्नी ओजस्वी मंडावी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। हालांकि भाजपा ने अबतक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। दूसरी ओर बीजेपी समर्थित युवा ओजस्वी के चुनाव प्रचार प्रसार में जुट गए हैं।

ओजस्वी मंडावी का कहना है कि संगठन की ओर से उन्हें प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में खड़ा किया जाता है तो वे चुनाव जरूर लड़ेंगी। वहीं चुनावी माहौल में विधायक के घर नक्सल प्रभावित गांव के युवाओं ने चुनावी रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है।

दिवंगत परिवारों का सम्मान करना नहीं जानती कांग्रेस

ओजस्वी मंडावी (Ojaswi Mandavi) ने कांग्रेस सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पति की मौत के बाद भी उनको पेंशन मिलना शुरू नहीं हुआ है। उनके लिए परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। कांग्रेस सरकार दिवंगतों के परिवारों का सम्मान करना नहीं जानती। स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भी उन्हें नहीं बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आते ही स्व. महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष कर्मा को डिप्टी कलेक्टर बना दिया गया, लेकिन हमारे परिवार के कोई खोज-खबर लेने वाला भी नहीं है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने की मंशा जाहिर कर दी थी।

 

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