रायपुर। स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. केआर सोनवानी (CMHO Dr. KR Sonwani) और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ विमल किशोर रॉय (District Malaria Officer Dr. Vimal Kishore Roy) पर जल्दी ही शिकंजा कसेगा। महादेव घाट (Mahadev Ghat) पर मिली 5 बोरी दवाओं के मामले को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdev) ने गंभीरता से लेते हुए उसकी जांच के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने विभाग की सचिव निहारिका बारिक (Secretary Niharika Barik) को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा है। शुक्रवार को ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ने टीआरपी को दी। उन्होंने कहा कि हम इस घटना के सभी पहलुओं की जांच करवा रहे हैं। इतनी बड़ी मात्रा में दवाएं कैसे महादेवघाट पहुंची? उसके पीछे किसका-किसका हाथ था? इन तमाम पहलुओं पर इसकी जांच की जाएगी। यहां आपको हम ये भी बता दें कि ये वही डॉ. केआर सोनवानी हैं जो पिछले चुनाव में कांग्रेस से टिकट की जुगाड़ भिड़ाने में लगे थे। यहां तक कि वे इसके लिए अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा तक देने को तैयार थे, मगर टिकट नहीं मिला तो मनमान कर बैठ गए।
क्या है पूरा मामला:
बुधवार की रात को 8 बजे डीडीनगर थाना क्षेत्र में खारून नदी के महादेव घाट पर 5 बोरी सरकारी दवाएं फेंकने गए 2 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया । इनमें सीएमओएच कार्यालय में अटैच वाहन सीजी-02 -2123 ड्राइवर रहमान खान सरकारी वाहन में लदी 5 बोरी एक्सपायरी दवाएं और एक चपरासी शामिल थे।
14 लाख लोग पीते हैं खारून का पानी:
सबसे बड़ा खतरा तो ये था कि इसी खारून नदी का पानी रायपुर की लगभग 14 लाख जनता पीती है। ऐसे में इन दवाओं का उनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ता, बिना इसकी जांच-पड़ताल किए बिना ही इन अधिकारियों ने सरकारी दवाओं को वहां फेंकने का फरमान जारी कर दिया? ये सुनकर तो एकबारगी डीडीनगर थाने के टीआई अरुण नेताम का भी चेहरा देखने लायक था। कोई सोच भी नहीं सकता कि स्वास्थ्य विभाग के ये आला अधिकारी जनता के स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ करने जा रहे थे? भला हो उन जागरूक नागरिकों का जिनकी सूचना पर पुलिस ने इनको हिरासत में लिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए मामले की जांच के आदेश:
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने सरकारी वाहन चालक रहमान खान के बयान को भी गंभीरता से लिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने टीआरपी से कहा कि दवाएं गोदाम में बंद रहती हैं। वे वाहन चालक तक कैसे पहुंचीं। इसके पीछे कौन से अधिकारी का हाथ था? स्वास्थ्य सचिव को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है। इसके तमाम पहलुओं की जांच की जाएगी। जो भी जिम्मेदार होंगे उनको किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
लीपापोती में लगे अधिकारी:
- डीडीनगर थानें में पुलिस हिरासत में बैठे सरकारी वाहन चालक रहमान खान ने पुलिस को दिए अपने इकबालिया बयान में कहा कि सीएमएचओ डॉ. केआर सोनवारी और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर रॉय ने उनको ये दवाएं खारून नदी में फेंकने के लिए दी थीं। उधर दोनों ही अधिकारी मामले लीपापोती करने में जुटे हैं। उनका कहना है कि वाहन चालक वाहन लेकर महादेवघाट शराब पीने के लिए ले गया था। ऐसे में सवाल तो यही है कि आखिर सच कौन बोल रहा है? यह तो सरकारी जांच में ही सामने आ सकेगा। फिलहाल दोनों ही अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सचिव को इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
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