रायपुर। इसबार नक्सलियों ने अपना निशाना आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) को बनाया है। नक्सलवादियों ने एक विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह चुनावी वायदा भुल गई है। साथ ही मंत्री कवासी लखमा (Chhattisgarh Minister Kawasi Lakhma) को गंभीर धमकी देते हुए उन्हें उद्योगों का समर्थक बताया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माओवादियों ने पर्चा जारी कर बीते 14 सितंबर को चिंतलनार के कोतागुडा गांव में हुई मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है। दो पृष्ठ के इस पर्चे में माओवादियों ने राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया है कि, वह “चुनावी वायदा” भूल गई है, और समाधान के नाम से चल रही पूर्ववर्ती सरकार की रणनीति जारी है। माओवादियों ने यह भी आरोप लगाया है कि, भाजपा शासनकाल में कांग्रेस ने फर्जी मुठभेड़ों के विरोध का केवल दिखावा किया है। कथित रुप से ग्रामीणों की हत्या और प्रताड़ना जारी है।

“आदिवासी अवाम के दमन में शोषक-शासक वर्ग के हाथों कठपुतली बनकर अपना उल्लू सीधा करने वाला स्वार्थी व आदिवासी विरोधी कवासी लखमा के असली चरित्र से वाकिफ होकर उसकी चिकनी चुपड़ी बातों का भंडाफोड़ करें” माओवादियों की यह भाषा उनकी मंशा को साफ़ कर देती है। वह कवासी अब निशाने पर हैं।

इस मामले में पुलिस का कहना है कि नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी की है, यह हमारी जानकारी में है। हमने इससे पहले ही मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश लखमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हमने अतिरिक्त सतर्कता रखी है।

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