रायपुर। 21वीं सदी का भारत कैसा हो इसपर हर कोई चर्चा करता है। वैज्ञानिक सोच की हर कोई वकालत करता है लेकिन आज का जो राजनीतिक परिदृश्य है वो 21वीं सदी के भारत की परिकल्पना को धूमिल करता नज़र आता है। इसके बावजूद देश में ऐसी शख्सियत हैं जो वैज्ञानिक सोच के साथ सत्य को कहने की ताकत रखते हैं। उनमें से एक है गौहर रजा साहब, (Gauhar Raza) जो आज राजधानी रायपुर (Raipur) में वैज्ञानिक सोच पर अंतरग बातचीत कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और अपने विचारों को साझा करेंगे।

कौन हैं गौहर रज़ा

गौहर रज़ा साहब का जन्म उत्तरप्रदेश के बनारस में 17 अगस्त 1956 को हुआ था। उनकी शिक्षा अलीगढ़ और दिल्ली में हुई। गौहर रजा (Poet Gauhar Raza) वैसे तो वैज्ञानिक हैं लेकिन उर्दू शायरी सामाजिक कार्यकर्ता और फिल्म मेकर के रूप में उनकी पहचान देश और दुनिया में बनी है।

गौहर रज़ा ने उर्दू कविताओं के जरिए समाजिक मुद्दों को मुखरता के साथ जाहिर किया है। उनकी उर्दू कविता संग्रह ‘ज़ज्बों की लौ तेज करो’ (Jazbon Ki Lau Tez Karo) नाम से प्रकाशित हुई है उन्होंने जंग ए आज़ादी, इन्कलाब और भगत सिंह जैसी फिल्में भी बनाई हैं।

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