नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज अर्थशास्त्र का नोबेल

जीतने वाले भारतीय मूल के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी (Abhijeet Banerjee) से मुलाकात की। प्रधानमंत्री

कार्यालय में हुई इस मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, “नोबेल सम्मानित अभिजीत बनर्जी से शानदार

मुलाकात। मानव सशक्तिकरण के प्रति उनका जोश साफ दिखता है। हमारे बीच कई मुद्दों पर काफी स्वस्थ

और लंबी बातचीत हुई। भारत उनकी उपलब्धियों से गौरवान्वित है। भविष्य के लिए उन्हें ढेरों शुभकामनाएं।’’

 

मोदी ने बताया वे कैसे ब्यूरोक्रेसी में बदलाव लाना चाहते हैं :

वहीं, मोदी से मिलने के बाद बनर्जी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने मुझे मिलने के लिए काफी लंबा समय दिया।

उन्होंने मुझे भारत के बारे में अपने सोचने के तरीके से अवगत कराया। यह कुछ अलग था, क्योंकि एक

आदमी पॉलिसी और उसके पीछे की सोच के बारे में बताता है। लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि वो शासन

व्यवस्था को कैसे देखते हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे बताया कि वे कैसे ब्यूरोक्रेसी में बदलाव लाना

चाहते हैं, ताकि उसे ज्यादा प्रतिक्रिया देने वाला और जमीनी सच्चाई समझने लायक बनाया जा सके।”

 

बनर्जी ने कहा, “मुझे लगता है कि यह भारत के लिए काफी अहम है कि उसे ऐसी ब्यूरोक्रेसी मिले जो जमीन

पर रहे और जमीन पर आधारित जिंदगी को देखते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे। इसके बिना हमें एक ऐसी सरकार

मिलती है जो कोई प्रतिक्रिया नहीं देती। मुलाकात का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री जी का शुक्रिया।”

 

बनर्जी के नोबेल जीतने के बाद भी मोदी ने बधाई दी थी :

प्रधानमंत्री ने इससे पहले नोबेल के लिए अभिजीत के नाम का ऐलान होने के बाद उन्हें ट्वीट कर बधाई दी थी।

मोदी ने कहा था कि अभिजीत बनर्जी ने गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में अहम काम किया है।

 

पीयूष गोयल ने बनर्जी को वामपंथी कहा था :

मोदी और बनर्जी की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें वामपंथी

विचारधारा की तरफ झुकाव रखने वाला बताया था। गोयल ने कहा था कि बनर्जी ने न्याय योजना के बड़े गुण

गाए, लेकिन देश की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह खारिज कर दिया। इसके बाद बनर्जी ने एक टीवी चैनल

से कहा था कि गोयल मेरे प्रोफेशनलिज्म पर सवाल उठा रहे हैं।

 

21 साल बाद भारतीय ने जीता अर्थशास्त्र का नोबेल :

भारत में जन्मे और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में प्रोफेसर हैं। उनके साथ एमआईटी

में ही प्रोफेसर उनकी पत्नी एस्तेय डुफ्लो (47) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर माइकल क्रेमर

(54) को भी इस सम्मान के लिए चुना गया। यह 21 साल बाद है, जब किसी भारतवंशी को अर्थशास्त्र के नोबेल

के लिए चुना गया। अभिजीत से पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अमर्त्य सेन को 1998 में यह

सम्मान दिया गया था।

 

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