नई दिल्ली। शिवसेना सांसद संजय राउत ने आज राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019

पर चर्चा के दौरान बेहद दिलचस्प टिप्पणी की। उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे पर कहा कि बिल का विरोध करने

वालों को ‘देशद्रोही’ कहा जा रहा है, यह गलत है।

 

राउत ने कहा, ‘आज देश के बहुत से हिस्से में मैं देख रहा हूं कि इस बिल का विरोध हो रहा है, हिंसा हो रही है।

असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर। ठीक है एक सेक्शन समर्थन में है, एक सेक्शन विरोध में है। वो भी देश के

नागरिक हैं, देशद्रोही नहीं हैं।’

 

उन्होंने हिंदुत्व की राजनीति की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘हम कितने कठोर हिंदू हैं, उसका हमें प्रमाणपत्र

नहीं चाहिए। जिस स्कूल में आप पढ़ते हो, हम उस स्कूल का हेड मास्टर हैं, यह आपको बता रहा हूं। हमारे

स्कूल के हेड मास्टर आदरणीय बाला साहब ठाकरे थे, अटलजी भी थे, श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे। हम सबको

मानते हैं।’

 

पूछा- घुसपैठियों का क्या करेंगे?

शिवसेना सांसद की इस टिप्पणी पर सदन में ठहाके लगने लगे। फिर राउत ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि यह बिल

धार्मिक आधार पर नहीं, मानवता के आधार पर है, उसी के आधार पर चर्चा होनी चाहिए। हमें यह भी पता है कि

शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर है।’ उन्होंने पूछा कि जिन शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी,

वो तो भारत में रहेंगे, लेकिन घुसपैठियों को कहां भेजा जाएगा? उन्होंने कहा, ‘सवाल है कि क्या हम घुसपैठियों

का क्या करेंगे? हम शरणार्थियों को नागरिकता देंगे तो घुसपैठियों का क्या करेंगे?’

 

राष्ट्रहित के मुद्दे पर समर्थन देते रहेंगे :

संजय राउत ने जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 को निष्प्रभावी करने के मुद्दे पर भी सरकार का साथ देने

का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपके साथ पाकिस्तान हो या जो हमारे जिन अल्पसंख्यक भाइयों को वहां

तकलीफ होती है, उनके साथ छल होता है, तो हमारा एक मजबूत देश, मजबूत प्रधानमंत्री, मजबूत गृह मंत्रीजी।

आपके ऊपर हमारी आशा है। आपने 370 हटाया, हमने जी-जान से समर्थन दिया, देते रहेंगे।’

 

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