रायपुर। प्रदेश सरकार ने स्कूली शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सीबीएसई पैटर्न पर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की शुरुआत की है, लेकिन अब यही अंग्रेजी माध्यम के स्कूल फिसड्डी साबित हो रहे हैं। शिक्षकों की कमी के चलते सरकारी अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूल बंद होने के कगार पर हैं। यहां शिक्षकों की कमी स्कूल शिक्षा विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

अधिकतर शिक्षक हिंदी माध्यम वाले :

शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अधिकतर शिक्षक हिंदी माध्यम वाले हैं। ये शिक्षक येनकेन प्रकारेण थोड़ा बहुत पढ़ा रहे हैं। जो पढ़ा रहे हैं वह मजबूरी में नौकरी बचाने के लिए पढ़ा रहे हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के सभी विकासखंडों में कुल 292 स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन वहां अंग्रेजी शिक्षकों की भारी कमी है। यहां प्रायमरी स्तर पर पहली और दूसरी, मीडिल स्तर पर छठवीं व सातवीं कक्षा में सीबीएसई पैटर्न के अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर रहे हैं।

यहां तैनात शिक्षकों का कहना है कि वे हिंदी माध्यम से पढ़ें हैं, ऐसे में अंग्रेजी माध्यम में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल है, लेकिन नौकरी बचाने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अंग्रेजी शिक्षकों की नियुक्ति की थी, लेकिन शिक्षकों ने स्कूल ज्वाइन ही नहीं किया।

पहले के स्कूलों की स्थिति सुधरी नहीं, अब नए के प्रस्ताव :

पहले से संचालित अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की स्थिति अभी सुधरी नहीं है, पर अब बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नए और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव मंगाया जा रहा है।

अंग्रेजी सुधारने का जिम्मा एनजीओ को :

बताया जाता है कि प्रयोग के तौर पर स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों की अंग्रेजी सुधारने के लिए पिछले साल रायपुर के 13 स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान चलाया। विभाग ने इसकी जिम्मेदारी एक एनजीओ को दिया था। इसके लिए विभाग ने सवा करोड़ खर्च कर दिया।

एनजीओ भी पैसे बटोरकर चला गया, लेकिन बच्चों की अंग्रेजी नहीं सुधर पाई। इसके बावजूद स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी एक बार फिर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए जिले से प्रस्ताव मांग रहे हैं। इससे यह आशंका उठने लगी है कि कही विभाग के अधिकारी एनजीओ के माध्यम से अंग्रेजी स्कूलों को कमाई का जरिया तो नहीं बना रहे हैं।

ये कहना है विभाग का :

सरकार अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती कर रही है। फिलहाल अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
– डॉ. आलोक शुक्ला,सचिव स्कूल शिक्षा विभाग

प्रदेश में स्कूलों की स्थिति :

0 प्रदेश में 33 हजार प्राइमरी स्कूल हैं।
0 प्रदेश में कुल 16450 मिडिल स्कूल हैं।
0 प्रदेश में 2689 हाई स्कूल और 4331 हायर सेकंडरी स्कूल हैं।
0 प्रदेश में 292 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल हैं।
0 प्रदेश में कुल 56727 स्कूल हैं।
0 प्रदेश के स्कूलों में कुल 59 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं।

 

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