रायपुर। लाख कोशिशों के बावजूद भी सेल (Sail, Steel Authority of India) के नाम पर नकली सरिया बनाने का खेल प्रदेश में धड़ल्ले से जारी है। यह व्यापार लाखों का नहीं करोड़ों का है। इस नकली सरिए के खेल में आम लोग परेशान तो हैं ही साथ ही सेल Sail को भी करोड़ों की चपत लग रही है। आपको बता दें कि इन नकली सरियों का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में किया जाता है। इनकी गुणवत्ता इतनी खराब होती है  कि यह निर्माण कुछ समय में ही खराब हो सकता है।

2013 में हुई थी बड़ी कार्रवाई

आपको बता दें कि सेल (Sail, Steel Authority of India) के नाम पर नकली सरिया निर्माण की शिकायत के आधार पर राजधानी पुलिस ने अप्रैल 2013 में दो फैक्ट्रियों पर छापेमारी कर चुकी हैं। कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकली माल भी जब्त किया गया था। मगर आज भी पुलिस की नाक के नीचे नकली सरिये की खपत धड़ल्ले से की जा रही है।  इन नकली सरियों को प्रदेश के अलावा पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, चेन्नई, गुजरात आदि स्थानों पर खपाया जाता है।

करोड़ों का है यह खेल

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह खेल करोड़ों। आपको बता दें कि गुजरे छह माह में  12 स्टील कंपनियों के बीआईएस (BIS, Bureau of Indian Standards) लाइसेंस रद्द किए गए है। साथ ही कंपनी के प्रोडक्ट पर आइएसआइ मार्का लगाने का अधिकार छीन लिया गया था।

क्या है बीआईएस

भारतीय मानक ब्यूरो या बीआईएस (BIS, Bureau of Indian Standards) भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है जिसकी स्था‍पना बीआईएस अधिनियम 2016 के अंतर्गत की गई। बीआईएस की स्थापना वस्तु ओं के मानकीकरण, मुहरांकन और गुणवत्ता प्रमाणन गतिविधियों के सुमेलित विकास तथा उससे जुडे़ मामलों के लिए की गई है।

आईएसआई मार्क लगाकर बेचा जाता है

आईएसआई मार्क (ISI Mark) लगाकर इन सरियों को बेचा जाता है। इसमें न केवल फैक्ट्री संचालक बल्कि कई ठेकेदारों की मिली भगत की बात भी सामने आई है। सेल (Sail, Steel Authority of India) के नाम पर, निशान, चिह्न के साथ अन्य चिह्न या सेल के मिलते-जुलते लोगो, नाम, निशान व चिह्न का उपयोग कर बेचे जाने के कारण लोगों में भी भ्रम पैदा होता है।

आखिर क्यों नहीं लग पा रही लगाम

कड़ी कार्रवाई किए जाने के बाद भी नकली सरिये का व्यापार धड़ल्ले से जारी है। सूत्रों की माने तो इस व्यापार में बड़े-बड़े रसूखदार शामिल हैं। जब कार्रवाई की जाती है तो मामले को दबाने के लिए दबाव भी बनाया जाता है। जिसके चलते कई बार कड़ी कार्रवाई भी नहीं हो पाती है। इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

सबसे बड़े उत्पादक राज्यों में शामिल

स्टील हब राज्यों की बात करें तो छत्तीसगढ़ का नाम सबसे ज्यादा स्टील उत्पादक राज्यों में होता है। महाराष्ट्र, पं. बंगाल, ओडि़सा सहित छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हैं, जहां 1 लाख टन से अधिक का टीएमटी बार उत्पादन होता है, वहीं जालना, दुर्गापुर, रायपुर, रायगढ़ व राउरकेला में सबसे ज्यादा स्टील उत्पादन किया जाता है।

फैक्ट फाइल

1.50 लाख टन सालाना उत्पादन
25 बड़ी टीएमटी बार कंपनी
160 रोलिंग मिल
100 से अधिक मिनी स्टील प्लांट
स्पंज आयरन प्लांट- 90-100

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