गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राष्ट्रपति

बिलासपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। समारोह में उन्होंने गोल्ड मेडलिस्ट छात्र-छात्राओं को मेडल व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

इस मौके पर राष्ट्रपति ने गुरु घासीदास को याद करते हुए उनके संदेश को आत्मसात् करने का आग्रह किया।  साथ ही दीक्षांत समारोह में पहुंचे छात्रों से आग्रह किया कि वे देश के विकास के लिए योगदान दें।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि “मनखे मनखे एक समान“ गुरु घासीदास जी का यह संदेश आत्मसात् करना चाहिए। सोमवार के दिन 1756 ईस्वी में गुरु घासीदास जी का जन्म हुआ। यह सतनाम पंथ के अनुयायियों के लिए शुभ दिन है और आज ही यह दीक्षांत समारोह का आयोजन हो रहा है।

गिरौधपुरी की भव्यता के मैंने यहां दर्शन किए हैं। दीक्षांत समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने नवनिर्मित 5 भवनों का लोकार्पण किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वर्ण पदकों का जिक्र करते हुए दो स्वर्ण पदक पाने वाली क्वीन यादव का ज़िक्र किया और कहा कि यह अनुपात 3:6 नहीं है, बल्कि 3:7 है, क्योंकि एक बेटी क्वीन यादव ने दो मैडल प्राप्त किया, इसलिए नौ स्वर्ण पदक थे, पर दस मेडल दिए गए। बेटी क्वीन यादव आज क्वीन बन गई है।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्रों से आह्वान किया कि आप सब अपने अपने क्षेत्र राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय योगदान दीजिए।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने में बेटियों की संख्या ज्यादा है। यह बेहद ही प्रसन्नता वाली बात है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी खुशी जताते हुए कहा कि मेडल लेने में छात्राओं ने बाजी मारी है, उन्हें खूब बधाई। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति की छात्राएं हैं यह गर्व की बात है।

मंच में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ राज्यपाल अनुसुइया उइके, सीएम भूपेश बघेल, कुलाधिपति अशोक मोडक, कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता और कुलसचिव प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह में सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया था जहां मेडल प्राप्त करने के बाद यहां सेल्फी ली गई।

इन्हें मिला मेडल

कला संकाय के विनोद कुमार खूंटे, सोशल साइंस के किशोर कुमार कोठारी, फिजिकल साइंस के चंद्रिका, गणित संकाय से क्वीनी यादव, मैनेजमेंट से पूजा पटेल, लाइफ साइंस से अर्पिता नहाक, इंजीनियरिंग से दबरून दशभौमिक, नेचुरल साइंस से आयुषी सिंह, विधि संकाय से माधुरी मरकाम को पदक मिला है।

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