TRPDESK:- राजधानी (Raipur) के दलदल सिवनी में पीलिया जैसी घातक बीमारी फैलने की वजह सामने आ गई है। दलदल सिवनी में निगम द्वारा सप्लाई किए जाने वाले पानी में पीलिया फैलाने वाला घातक बैक्टीरिया ई-कोलाई मिला है। रायपुर मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। पीलिया फैलने के बाद निगम के अधिकारी पानी का सेंपल लेकर रायपुर मेडिकल कॉलेज में पानी की जांच करने के लिए दिए थे।

तीन जगहों पर पानी की पाइप लाइन में लीकेज थी इस कारण मेडिकल कॉलेज की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि निगम के पानी के साथ ही सीवरेज का भी पानी घरों में जाता था। निगम के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा राजधानी की जनता को भुगतना पड़ा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद निगम की टीम ने सोमावर की सुबह दलदल सिवनी में जांच की।

रायपुर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि नल के पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया था। यह बैक्टीरिया दूषित पानी यानी मल-मूत्र में पाया जाता है। स्पष्ट है कि पाइप-लाइन में लीकेज था या फिर पाइप-लाइन सड़-गल चुकी थी। इसके जरिए गंदा पानी नलों तक पहुंचा। यह रिपोर्ट रविवार को निगम को सौंप दी गई है। दलदल सिवनी में कुल 250 मरीज पीलिया के पाए गए हैं।

यहां पीलिया का प्रकोप इस कदर है कि पिछले दो सप्ताह में पीलिया से ग्रसित तीन लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 09 लोग अभी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। दलदल सिवनी इलाके के मस्जिद नगर डबरीपारा, कृष्ण स्टोर्स में ई-कोलाई तथा दुर्गा मंदिर के पीछे शीतलापारा में स्यूडोमोनास नामक बैक्टीरिया मिला है। निगम के पानी में पीलिया फैलाने वाले बैक्टीरिया मिलने के बाद पानी की सप्लाई पर निगम प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।

नालियों से गुजरी है पाइप लाइन

यहां वार्ड में करीब तीन हजार किलोमीटर लंबी पाइप लाइन नालियों के बीच होकर गुजरी है। ऐसे में पाइप लाइन जर्जर हो गई है। इसमें कई लीकेज भी हो गए हैं। इसके चलते नाली के पानी के साथ कीड़े नलों से निकलने लगे हैं। इसकी शिकायत के बावजूद बीते दो सालों से पाइप लाइन बदलने के लिए निगम के अफसरों ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया। पुरानी पाइप लाइन होने की वजह से लोगों के घरों में लगे नलों से गंदा और कीड़ायुक्त पानी निकल रहा है। इसे पीकर 20 हजार आबादी वाले कुशाभाऊ ठाकरे वार्ड के इलाकों में ढाई सौ से अधिक लोग पीलिया, डायरिया व टाइफाइड सहित पेट संबंधी अन्य बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। इधर, अभी तक निगम अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी है।

वार्ड में पाइप बदलने सर्वे तक नहीं

अमृत मिशन के तहत राजधानी में पुराने पाइप लाइन बदलना है। जिससे लोगों के घरों में शुद्ध पानी पहुंच सके। लेकिन निगम प्रशासन अपनी लापरवाही के चलते अभी तक इस इलाके में पाइप लाइन डालने के लिए सर्वे तक नहीं कर पाया है। जबकि इसके लिए बजट में करोड़ों रुपये का प्रावधान है। निगम के अधिकारी पुरानी पाइप लाइन को नालियों से हटाने के लिए अभी तक कोई कारगर कदम ही नहीं उठा पाए।