नेशनल डेस्क। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने रविवार को खतरनाक रूप ले लिया है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल को हर परिस्थिति से निपटने को तैयार रहने के लिए कहा गया है।

बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने रविवार को खतरनाक रूप ले लिया। इसके पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट से टकराने की आशंका है। इसके चलते इन दोनों राज्यों के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने दोनों राज्यों को अलर्ट किया है और मछुआरों को सोमवार से समुद्र में नहीं जाने को कहा है।

कोलकाता स्थित मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जीके दास ने बताया के अम्फान के ताकतवर तूफान के तौर पर 20 मई की दोपहर से शाम के बीच सागर द्वीप के पास टकराने की आशंका है। इसकी वजह से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जैसे तटीय इलाकों में 19 से हल्की से भारी बारिश के आसार हैं।

20 मई को इन जिलों के ज्यादातर स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दोनों राज्यों के तटीय इलाकों में मंगलवार दोपहर से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जोकि अगले दिन सुबह तक 85 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएंगी।

मौसम विभाग ने जारी की बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान की वजह से अगले चार दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी की है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अगले 24 घंटे के दौरान बंगाल की दक्षिणी खाड़ी, 17-18 मई के दौरान बंगाल की केंद्रीय खाड़ी और 18-20 मई के दौरान बंगाल की उत्तरी खाड़ी में मछली पकड़ने न जाएं।

पश्चिम बंगाल सरकार के गृह सचिव ने बताया कि सरकारी तंत्र हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। राहत शिविरों में भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने की व्यवस्था की गई है। राहत और बचाव टीमों को संबंधित जिलों में भेज दिया गया है। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने एक उच्चस्तरीय बैठक में तूफान की स्थिति और इससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।

वहीं ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त ने बताया कि गंजम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर पर करीबी नजर रखी जा रही है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यहां के लगभग 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रबंध किए गए हैं।

एनडीआरएफ ने 17 टीमों को किया तैनात

राष्ट्रीय आपदा रिस्पांस बल (एनडीआरएफ) ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 17 टीमों को तैनात किया है। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा कि मुख्यालय से स्थिति पर बारीक नजर रखी जा रही है और हम राज्य सरकारों और मौसम विभाग के साथ लगातार संपर्क में हैं।

पारादीप में एनडीआरएफ की 21 सदस्यीय टीम तैनात

एनडीआरएफ ने पारादीप में भी अपनी 21 सदस्यीय एक टीम तैनात की हैं। ये लोग पारादीप के तटीय इलाकों और झुग्गी बस्तियों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। ये लोग राहत अभियान चलाने के साथ लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। टीम अपने साथ आवश्यक उपकरण और हथियार भी लेकर गई है।

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