नई दिल्ली। दिल्ली के कड़कड़डूमा के व्यवसायी ने परिवार को बीमा की रकम दिलाने के लिए खुद ही अपनी हत्या करा डाली। उसने फेसबुक के जरिए भाड़े के हत्यारों से संपर्क कर उन्हें 90 हजार रुपये भी दिए थे। रणहौला पुलिस ने एक नाबालिग समेत चार लोगों को पकड़ा तो हत्या के पीछे की कहानी सामने आई।

डीसीपी आउटर ए कान ने बताया कि 10 जून को रणहौला इलाके में पेड़ से लटकी एक युवक की लाश मिली थी। युवक के हाथ-पैर बंधे थे, जिसकी वजह से हत्या का मामला लग रहा था। जांच में मालूम हुआ कि शव 37 वर्षीय गौरव बंसल का था। गौरव परिवार सहित आईपी एक्सटेंशन में रहता था। परिवार ने नौ जून को आनंद विहार थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह अपनी दुकान पर गया लेकिन वापस घर नहीं लौटा था।

मोबाइल से मिला सुराग

हत्याकांड की जांच के लिए एसीपी नांगलोई आनंद सागर की देखरेख में इंस्पेक्टर सहीराम मीणा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। पुलिस ने परिवार के लोगों, दोस्तों और दुकान के कर्मचारियों की जानकारी खंगाली गई लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। फिर एसआई अमित राठी ने मृतक के फेसबुक, व्हाट्सएप और मोबाइल फोन की जांच की तो पहले सूरज, फिर सुमित, मनोज और अंत में नाबालिग को पुलिस ने धर दबोचा। पूछताछ में आरोपियों बताया कि गौरव ने अपनी हत्या करने के लिए उन्हें 90 हजार रुपये दिए थे ताकि मरने के बाद उसके बीमे की रकम परिवार को मिल सके।

नौ जून को गौरव खुद ही पहुंचा था रणहौला

इस हत्याकांड की कड़ियां जोड़ने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जांच में सामने आया है कि गौरव एक माह से अपनी हत्या की साजिश रच रहा था। उसे फेसबुक पर मुंबई का एक व्यक्ति मिला जिसने हत्या कराने के लिए नाबालिग का मोबाइल नंबर दिया। फिर नाबालिग ने सुपारी लेकर तीनों युवकों को अपने साथ शामिल कर लिया। नौ जून को गौरव खुद ही रणहौला पहुंचा, जहां पर योजना के अनुसार आरोपियों ने उसके हाथ-पैर बांधकर उसे पेड़ से लटका दिया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि यह हत्या प्रतीत हो।

परिवार में कलह से था परेशान

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गौरव की कड़कड़डूमा में किराए के मकान में किराना की थोक की दुकान है। परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। पहले उसने यह कारोबार किसी नजदीकी रिश्तेदार के साथ मिलकर किया था, पर संबंधों में खटास आने पर उनके रास्ते अलग हो गए। इसके बाद भी आए दिन गौरव से उसका विवाद होता रहता था। घटना से कुछ दिन पहले भी कुछ नजदीकी रिश्तेदारों ने उसकी दुकान के आगे बवाल किया था। इसको लेकर भी गौरव परेशान था।

पुलिस को चैट मिली

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गौरव से नाबालिग ही संपर्क में था। दोनों व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से चैट करते थे। नाबालिग ने ही बाकी आरोपियों को जोड़ा था। माना जा रहा है कि मेन डील नाबालिग से ही हुई है। पुलिस को नाबालिग और व्यवसायी के बीच हुई वह चैट मिल गई है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। इसमें कई खुलासे हुए हैं, जिसका इस वारदात से संबंध खोजने की कोशिश की जा रही है।

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