प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोई कानून न होने के बावजूद मानवीयता का एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए एक पत्नी को डेढ़ साल से कोमा में पड़े पति का संरक्षक नियुक्त किया है। कोर्ट ने कहा कि नाबालिग व अक्षम लोगों का संरक्षक नियुक्त करने का कानून है लेकिन लंबे समय तक कोमा में पड़े मरीज का संरक्षक नियुक्त करने का कोई कानून नहीं है। इसलिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संबंध में कानून बनाने की संस्तुति भी की है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता एवं न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने प्रयागराज की उमा मित्तल व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

जानें पूरा मामला

उमा मित्तल के पति मस्तिष्क के ऑपरेशन के बाद से कोमा में हैं। इलाज के कारण कर्ज में डूबी पत्नी ने पति के बैंक खातों के संचालन व उनकी संपत्ति बेचने का अधिकार मांगने को न्यायालय में गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कोई कानून नहीं होने पर संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्निहित अधिकारों का प्रयोग कर याची को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि याची महानिबंधक की पूर्व अनुमति के बगैर अचल संपत्ति नहीं बेच सकेगी लेकिन मकान खाली कराने या उसे किराये पर उठाने की उसे पूरी छूट रहेगी। कोर्ट ने पति का पत्नी को संरक्षक नियुक्त करते हुए कहा है कि वह पति की संपत्ति से इलाज कराने के अलावा अपनी दो बेटियों की शादी के लिए भी खर्च कर सकेगी। परिवार के हित में खर्च की छूट होगी। उसे पति की तरफ से निर्णय लेने व हस्ताक्षर करने का अधिकार होगा।

कोर्ट ने कहा कि परिवार का पालन करने वाला डेढ़ साल से कोमा में है। पत्नी रिश्तेदारों व मित्रों से उधार लेकर पति का इलाज करा रही है।पति के बैंक में पैसे व संपत्ति होने के बावजूद कानूनी अड़चन के कारण पत्नी उनका उपयोग नही कर पा रही है। उसने बैंक खाते के संचालन व संपत्ति बेचने के अधिकार के लिए कोर्ट की शरण ली है। उसकी एक शादीशुदा सहित तीनों बेटियों व बेटे ने भी मां को पिता का संरक्षक नियुक्त करने की मांग की है।

संरक्षक के तौर पर ये दिए अधिकार

कोर्ट ने सीएमओ प्रयागराज के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम की मेडिकल रिपोर्ट देखी, जिसमे कोमा की स्थिति की पुष्टि की गई है। कोर्ट ने कहा कि जब तक याची के पति स्वयं कार्य करने लायक नहीं हो जाते, याची (पत्नी) तब तक संरक्षक का दायित्व पूरा करेगी। वह प्रत्येक छह माह पर मेडिकल की स्थिति एवं पति की संपत्ति के विनियमन की रिपोर्ट महानिबंधक को देती रहेगी। याची के पति सुनील कुमार मित्तल 22 दिसम्बर 2018 को बाथरूम में फिसलकर गिरने से बेहोश हो गए तो फिर उन्हें होश नहीं आया। इलाज के लिए उन्हें इलाहाबाद, फिर लखनऊ और अंत में दिल्ली ले जाया गया, जहां उनके मस्तिष्क का ऑपरेशन हुआ। उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। सिविल लाइंस में क्लाइव रोड स्थित याची के घर में ही आईसीयू जैसी व्यवस्था कर उनका इलाज हो रहा है। डॉक्टरों ने जीवन भर इलाज चलाने को कहा है। सुनील कुमार मित्तल की शहर में करोड़ों की संपत्ति है व अपना व्यापार है,जिसके लिए अधिकार की मांग को याचिका दाखिल की गई थी।