टीआरपी डेस्क। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। हालांकि एक अन्य मामले में जमानत नहीं मिलने की वजह से फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा और उनकी रिहाई नहीं होगी। जानकारी के मुताबिक, अंतिम मामले में जमानत एक महीने बाद मिलेगी। सभी मामलों में उन्हें जमानत आधी सजा जेल में काटने की वजह से मिल रही है। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनके द्वारा चुनाव प्रचार किए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी जिसपर एक तरह से विराम लग गया है।

 लालू ने आधी सजा काट ली और बीमारी का हवाला दिया

बता दें कि रांची की सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। अपनी जमानत याचिका में लालू यादव ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अपनी आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपनी बीमारी का भी हलावा दिया था।

सीबीआई ने किया था जमानत का विरोध

इससे पहले 11 सितंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जमानत का विरोध किया था। सीबीआई ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि लालू को चार मामले में सजा सुनाई गई है। सभी मामलों की सजा अलग-अलग चल रही है। जब तक संबंधित अदालत सभी सजा एक साथ चलने का आदेश नहीं दे देती, तब तक सजा अलग-अलग ही चलेंगी। सभी मामलों में आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल सकती है।

भोला यादव ने लालू यादव से की थी मुलाकात

वहीं मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव रिम्स में इलाज करवा रहे लालू यादव से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने इसके लिए जेल प्रशासन से विशेष अनुमति ली थी। बताया जा रहा है कि वे सिंबल पर लालू के हस्ताक्षर लेने के लिए गए थे। इसके बाद वे बिना किसी से बात किए रिम्स से निकल गए। इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।