नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार (31 जनवरी) को साल 2021 की पहली मन की बात (Mann ki Baat) कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। 73वें मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा का जिक्र किया और कहा कि 26 जनवरी पर तिरंगे के अपमान से देश दुखी है।

पीएम मोदी ने बताया क्या है- मन की बात

पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, ‘जब मैं ‘मन की बात’ करता हूं तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाए, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाए- बस यही तो है ‘मन की बात’।

तिरंगे के अपमान से देश दुखी: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियां और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इन सबके बीच, दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी भी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।’

वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया के लिए बन रहा मिसाल

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इस साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही, अब हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आप जानते हैं, और भी ज्यादा गर्व की बात क्या है? हम सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन भी कर रहे हैं। संकट के समय में भारत, दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि, भारत, आज दवाओं और वैक्सीन को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है। यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है।’

पीएम मोदी ने देश के युवाओं से की ये अपील

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘मन की बात में श्रोताओं को क्या पसंद आता है, ये आप बेहतर जानते हैं। लेकिन मुझे मन की बात में सबसे अच्छा लगता है कि मुझे बहुत कुछ जानने-सीखने और पढ़ने को मिलता है। एक प्रकार से परोक्ष रूप से आप सबसे जुड़ने का मौका मिलता है। ‘ पीएम ने आगे कहा, ‘मैं सभी देशवासियों को और खासकर के अपने युवा साथियों को आहृान करता हूं कि वो देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लिखें। अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं के बारे में किताबें लिखें।’

पर्यावरण की रक्षा के साथ खुला आमदनी का रास्ता

पीएम मोदी ने कहा, ‘हैदराबाद के बोयिनपल्ली में, एक स्थानीय सब्जी मंडी, किस तरह, अपने दायित्व को निभा रही है, ये पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगा। बोयिनपल्ली की सब्जी मंडी तय किया है कि बचने वाली सब्जियों को ऐसे फेंका नहीं जाएगा, इससे बिजली बनाई जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से ‘मोन शुगु’ नाम का एक पेपर बनाया जाता है. इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है।’

पीएम मोदी ने की महिला पायलटों की तारीफ

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कुछ दिन पहले आपने देखा होगा, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए एक नॉन स्टॉप फ्लाइट की कमान भारत की चार महिला पायलट ने संभाली। दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा सफर तय करके ये फ्लाइट सवा दो-सौ से अधिक यात्रियों को भारत लेकर आई।’

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