इम्युनिटी पावर बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री दस करोड़ से घटकर हुई डेढ़ करोड़
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रायपुर। कोरोना काल के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा की खपत बहुत बाद गई थी। जो अब पांच माह बाद सामान्य स्थिति में आ गया है। इन दवाइयों की खपत कोरोना काल में प्रदेश में दस करोड़ तक पहुंच गई थी। अब घटकर एक से डेढ़ करोड़ तक पहुंच गई है।

बता दें दवाओं के साथ वायरस को दूर रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले मास्क और सेनेटाइजर की बिक्री भी ना के बराबर हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खतरनाक दौर में दवा बाजार को छोड़कर बाकी सभी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न तरह के इम्युनिटी बूस्टर दवा बाजार में आ चुके थी जिसकी बिक्री भी बहुत हो रही थी। उस दौरान विटामिन सी, जिंक की टेबलेट, विटामिन बी कांपलेक्स, मल्टी विटामिन, हाइड्राक्सी क्लोरोक्वीन, इंजियो थ्रो माइसिन, पैरा सीटामाल, कैल्शियम सहित विभिन्न तरह की दवाओं की मांग अधिक थी।

लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है और दवा का कारोबार सामान्य स्थिति में पहुंच चुका है। इम्युनिटी वाली दवा की बिक्री सामान्य हो चुकी है और अब दवा दुकानों में इनके ग्राहक दिन में एकाध ही पहुंच रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए सेनेटाइजर के उपयोग पर जोर दिए जाने की वजह से विभिन्न कंपनियों के सेनेटाजर बाजार में आ गए थे और सर्जरी के साथ एन-95 मास्क की बिक्री के लिए शासन को दर निर्धारित करनी पड़ गई थी, मगर अब इनकी मांग भी 80 फीसदी तक घट चुकी है।

खत्म हुआ डर

दरअसल अब देशभर में कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही पिछले तीन माह से प्रदेश में कोरोना संक्रमण का मामला भी कम हो चुका है। रोजाना चार सौ से कम केस सामने आने की वजह से लोग यह मान रहे हैं कि यह अंतिम दौर में आ चुका है और अब प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की जरूरत नहीं होगी।

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