निजी स्कूल संचालकों ने कहा, अब केवल हाथ में कटोरा आना बाकी
निजी स्कूल संचालकों ने कहा, अब केवल हाथ में कटोरा आना बाकी

टीआरपी डेस्क। जांजगीर-चांपा जिले के 234 निजी स्कूलों को पिछले तीन सालों के शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ने वाले बच्चों के अनुदान की 12 करोड़ रूपये की राशि राज्य सरकार से अब तक नही मिली है।

कोरोना काल मे पहले से ही निजी स्कूलों की माली हालत खराब है, वहीं कई नये नियम कानून और फीस पर बाध्यताएं लगा दी गई हैं। विभाग से बार बार निवेदन के बावजूद राशि नही मिलने से स्कूल संचालक परेशान हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी, जांजगीर से मिलने पहुंचे निजी स्कूल संचालकों ने बताया कि केवल जांजगीर-चांपा जिले को ही शिक्षा के अधिकार के तहत मिलने वाली राशि से वंचित रखा गया है, बाकी सभी जिलों मे यह राशि मिल चुकी है। उन्होंने जिले के शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग इस दिशा मे कोई कारगर कदम नही उठा रहा है। निजी स्कूल यूनियन के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने बताया कि हमारी माली हालत ऐसी है कि अब केवल कटोरा हाथ मे आना बाकी है।

राज्य स्तर से भुगतान है लंबित : शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी केएस तोमर ने इस संबंध मे पूछे जाने पर बताया कि वे स्कूलों के लंबित भुगतान की सूची राज्य स्तर पर भेज चुके हैं, राशि राज्य स्तर से ही लंबित है। उन्होंने भुगतान में विलंब की कोई और वजह नहीं बताई।

दो शैक्षणिक जिले के चलते भुगतान में हो रही है देरी

टीआरपी न्यूज़ ने इस संबंध में राज्य सचिवालय की आर टी ई शाखा से संपर्क किया, जहां भुगतान के कार्य में लगी माधुरी धारीवाल ने बताया कि जांजगीर – चांपा जिले में दो शैक्षणिक जिले जांजगीर और सक्ती हैं, जिनके कोड और बैंक खातों के नंबर के चलते विलंब हुआ, फिलहाल भुगतान की प्रक्रिया जारी है, और जल्द ही जांजगीर चांपा जिले के आर टी ई की राशि वहां पहुंच जाएगी। माधुरी ने यह भी बताया कि आर टी ई के तहत प्रदेश भर के निजी विद्यालयों के अनुदान के 157 करोड़ रुपए बकाया थे, इसमें से अब तक 140 करोड़ का भुगतान हो चुका है, शेष रकम भेजने की प्रक्रिया लगातार जारी है।

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