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व्यापमं फिर विवादों में: दूसरे घोटाले की आशंका बनी सुर्खियों की वजह

टीआरपी डेस्क। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित कराने वाला मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है. मध्यप्रदेश में अब एक बार फिर दूसरे व्यापमं घोटाले को लेकर आशंका जताई जा रही है.

राज्य में व्यापमं के सुर्ख़ियों में आने की वजह से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. इससे पहले 2013 में आया व्यापमं का मामला देशभर में चर्चित रहा था। लेकिन राज्य में अब एक बार दूसरे व्यापमं घोटाले को लेकर संदेह जताया जा रहा है।

भर्ती परीक्षा में देखने को मिला अनोखा संयोग

दरअसल, व्यापमं की ओर से आयोजित की गई कृषि विस्तार और कृषि विकास अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में एक अनोखा संयोग देखने को मिला है। लोगों की मानें तो लोग इसे दूसरा व्यापमं घोटाला भी बता रहे हैं. इसे संयोग कहा जाए या धांधली कि राज्य भर्ती परीक्षा में एक ही कॉलेज के 10 छात्र टॉप करते हैं. वे सभी शीर्ष 10 में जगह पाते हैं.

चौंकाने वाली बात तो ये है कि इन सभी 10 छात्रों के प्राप्तांक भी एक समान है। इतना ही नहीं इन छात्रों की ओर से परीक्षा में की गई गलतियां, त्रुटियां और उनकी जाति भी एक समान हैं। मामला सामने के बाद मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल से लेकर मध्यप्रदेश सरकार तक हर कोई हैरान -परेशान हैं. दूसरे अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग है कि जांच से पहले इस परीक्षा को निरस्त किया जाना चाहिए. दूसरे व्यापमं घोटाले की आशंका के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। 

जानिए कब हुई थी परीक्षा

मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं की ओर से 10-11 फरवरी को कृषि विस्तार अधिकारी और कृषि विकास अधिकारी पद के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। 17 फरवरी को इस परीक्षा की आंसर शीट के साथ सफल उम्मीदवारों की संभावित लिस्ट भी जारी की गई। जब परिणाम आया तो पता चला कि वरीयता सूची में शीर्ष 10 स्थान हासिल करने वाले सभी अभ्यर्थी एक ही कॉलेज से हैं. 

ग्वालियर के इस कॉलेज से हैं टॉप 10 छात्र

इन शीर्ष 10 उम्मीदवारों ने राजकीय कृषि कॉलेज, ग्वालियर से बीएससी की पढ़ाई की है। इन्हें परीक्षा में एक जैसे प्राप्तांक मिले हैं और सभी ने परीक्षा में गलतियां भी एक जैसी ही की हैं। इन समानताओं के कारण व्यापमं की भर्ती परीक्षा में धांधली का शक गहरा गया है. इतना ही नहीं इनमें से नौ उम्मीदवार एक ही जाति के हैं। इसे लेकर परीक्षा में शामिल हुए अन्य उम्मीदवारों ने घोटाले का आरोप लगाया है। 

सामान्य ज्ञान की परीक्षा में मिला समान नंबर

हैरान करने योग्य बात ये है कि सामान्य ज्ञान यानी जनरल नॉलेज की परीक्षा में इन सभी 10 उम्मीदवारों को एक जैसे अंक मिले हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इन टॉपर्स का एजुकेशनल बैकग्राउंड भी टॉपर जैसा नहीं है। जानकारी के अनुसार, एक टॉपर उम्मीदवार को गणित में पूरे में से पूरे नंबर मिले हैं, जबकि बीएससी की परीक्षा के दौरान वह सांख्यिकी विषय में चार बार फेल हो चुका है। उसने डिग्री आठ साल में पूरी की थी। इसके साथ ही अचंभित करने वाली बात यह भी है कि इन सभी ने जिन सवालों के गलत उत्तर दिए हैं, वे भी एक जैसे हैं। बावजूद इसके फिर भी ये टॉपर हैं. 

ब्लैकलिस्टेड कंपनी एनएसईआईटी ने कराई थी परीक्षा

ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं की ओर से इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी एनएसईआईटी कंपनी को सौंपी गई थी। यह कंपनी पहले भी धांधली के आरोपों से घिरी रही है। 2017 में उत्तर प्रदेश की सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों के चलते एनएसईआईटी को ब्लैकलिस्ट किया गया था। इस बार टॉप 10 में शामिल उम्मीदवारों को 200 में 195 और 194 अंक मिले हैं, इस परीक्षा के इतिहास में इतने नंबर किसी को नहीं मिले। इधर जैसे ही मामले की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज को लगी, तो उन्होंने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. 

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