पाठ्य पुस्तक निगम
BREAKING : छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ों का गोलमाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में बड़ी वित्तीय अनियमितता सामने आई है. पाठ्यपुस्तक निगम में 72 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का भंडाफोड़ हुआ है. यह घोटाला पिछले दो वर्षों के दौरान जारी 250 से अधिक चेक में बिना संयुक्त हस्ताक्षर किये अंजाम दिया गया है। स्टेट ऑडिट की रिपोर्ट में इस घोटाले का खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। पुस्तक निगम ने इस बड़ी अनियमितता के संबंध में प्रकाशन से जवाब मांगा है. इसके साथ ही पुस्तक निगम ने सप्लाई की गई सामग्री की जानकारी मांगी है.

छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई है. पुस्तक निगम ने बिना सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के नियम विरुद्ध 72 करोड़ का भुगतान कर दिया. इस पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. वहीँ, अधिकारियों को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा ब्लैक लिस्टेड प्रिंटर्स को बिना काम कराए 8 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी.

ब्लैक लिस्टेड राजाराम प्रिंटर्स को नियमविरूद्ध करोड़ों का भुगतान

उन्होंने बताया कि पुस्तक निगम में यह घोटाला 2020 में हुआ है. उस वक्त पाट्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी थे. अशोक चतुर्वेदी के कार्यकाल में यह काला कारनामा हुआ है. हैरत की बात ये है कि जब राजाराम प्रिंटर्स पहले से ब्लैक लिस्टेड है, तो उसको बिना काम कराए रकम किस आधार पर करोड़ों की राशि का भुगतान किया गया. इस करप्शन में कई तरह की बातें अभी निकल कर सामने आ रही हैं.

बिना काम के 8 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि का भुगतान

पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष ने कहा कि इस गड़बड़ी में कई अफसर भी शामिल हैं. शैलेश नितिन त्रिवेदी के मुताबिक जब राजाराम प्रिंटर्स से न कोई खरीदी हुई, न कोई काम हुआ, तो कैसे 8 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि बांट दी गई. उन्होंने कहा कि इस मामले का खुलासा ऑडिट के वक्त हुआ है.

प्रकाशन से मांगा जवाब, होगी कार्यवाही

शैलेश नितिन त्रिवेदी के मुताबिक इस बड़े फर्जीवाड़े में पाठ्यपुस्तक निगम ने प्रकाशन से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि 2 जनवरी 2020 को इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर कर दी गई और पाठ्य पुस्तक निगम के कई अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी है. मामले में जाँच के बाद दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।

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