बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के बीच चोरी की खबर भी आए दिन मिल रही है। इसी कड़ी में अहमदाबाद- हावड़ा एक्सप्रेस में मोबाइल चोरी की जांच के दौरान आरपीएफ ने 10 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इसमें से चार दुधमुंहे बच्चे भी हैं। आरोपितों के कब्जे से 11 मोबाइल और बांग्लादेश के चार सिम बरामद हुए हैं।

आरोपी जा रहे थे अहमदाबाद से पश्चिम बंगाल
उनके पास वीजा या पासपोर्ट नहीं मिला है। पूछताछ में उन्होंने अहमदाबाद से पश्चिम बंगाल जाने की जानकारी दी है। वहां से बार्डर पार बांग्लादेश लौटने की योजना थी। आरपीएफ ने सभी को जीआरपी के हवाले कर दिया है। जीआरपी अपराध दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी हुई।
बालेश्वर ओडिशा निवासी गोविंदा प्रधान शुक्रवार को 02833 अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। ट्रेन के बिलासपुर से रवाना होने के बाद रात करीब दो बजे उनका मोबाइल चोरी हो गया। उन्होंने इस बात की जानकारी ट्रेन में सर्चिंग कर रहे आरपीएफ के जवानों को दी। आरपीएफ ने कोच में जांच की। इस दौरान चार पुरुष, दो महिला और चार बच्चों पर नजर पड़ी। संदेह के आधार पर पूछताछ की गई।
बिना टिकट के ट्रैन में थे आरोपी
सिर्फ चार के पास ई- टिकट था। इसमें भी चारों के बर्थ प्रतीक्षा में थे। नियमानुसार बर्थ कंफर्म नहीं होने पर ई- टिकट रद हो जाता है। इस लिहाज सभी बिना टिकट के थे। इसी बीच आरपीएफ ने देखा कि एक युवक अपने पास रखे बैग को छिपाने का प्रयास कर रहा है। बैग की जांच करने पर 11 मोबाइल मिले। इसमें से एक गोविंदा प्रधान का मोबाइल था। इसके साथ 45 हजार 210 रुपये भी रखे थे। जांच व पूछताछ के बीच ट्रेन झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन पहुंच गई।
जहां सभी को उतारा गया। इसके बाद हावड़ा- पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस से लेकर बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां जीआरपी के सुपुर्द कर दिया गया। जीआरपी ने पूछताछ की। इसमें उन्होंने अपना नाम इमरान (20), फेलुमुल्ला (25), अनारूल लश्कर (25) बताया। इसके अलावा एक किशोर, एक युवती व महिला भी है। सभी एक ही परिवार के हैं। उन्होंने अपना पता बांग्लादेश के जिला नेरोई पलिया थाना अंतर्गत पेरोली बाजार गांव बताया है। उनके पास पासपोर्ट या वीजा नहीं मिला है। सभी के खिलाफ धारा 379, 34 और 14 ए(बी) फारेनर्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
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