रायपुर के बाद अब बिलासपुर में ब्लैक फंगस की दस्तक, दहशत का माहौल
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टीआरपी डेस्क। हैदराबाद के डेंगगुड़ापारा से बस्तर के लोहंडीगुड़ा पहुंचे एक मजदूर की आइसोलेशन सेंटर में मौत हो गई। मजदूर की मौत के पीछे आंध्र प्रदेश के खतरनाक कोरोना स्ट्रेन होने की आशंका जताई जा रही है। इसके साथ मृतक का कोरोना सैंपल भुवनेश्वर भेजा गया है। जहाँ से दिल्ली भेजा जाएगा और वेरिएंट की पुष्टि की जाएगी।

बता दें, हाल ही में आंध्र प्रदेश में कोरोना का नया रूप एपी स्ट्रेन (AP Strain) को खोजा गया है। जो पहले के मुकाबले 15 गुना ज्यादा संक्रामक है। यह स्ट्रेन इतना खतरनाक होता है कि मरीज की 3 से 4 दिनों में ही मौत हो जाती है। एपी स्ट्रेन को N440K वैरिएंट भी कहा जाता है। इसकी खोज सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने की है।

बस्तर बार्डर पर अलर्ट जारी 

वहीं बिलासपुर संभाग के 4 जिलों रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर में मरीजों की संख्या एक हजार से अधिक हो रही है। इस बीच आंध्र प्रदेश में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर बस्तर बार्डर पर अलर्ट कर दिया गया है। माना जा रहा है कि विशाखापत्तनम समेत आंध्र प्रदेश के अन्य हिस्सों में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के लिए यही स्ट्रेन जिम्मेदार हो सकता है।

ऐसे में बस्तर संभाग के सीमावर्ती जिले जो आंध्र और तेलंगाना से लगे हुए हैं। उन क्षेत्रों के बीच आवाजाही होने के कारण कोरोना के स्ट्रेन का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सरकार ने बस्तर संभाग के जिलों को सीमाओं पर जांच में सख्ती लाने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि हर वाहन की निगरानी की जाए। कोई भी बिना जांच और दस्तावेज के प्रदेश की सीमा में प्रवेश न कर सके। आने वाले लोगों की जांच और मरीजों की व्यवस्था की जाए।

बता दें, राज्य सरकार के निर्देश के बाद सुकमा जिले को आंध्र प्रदेश से जोड़ने वाली सीमा में 24 घंटे सख्ती बरती जा रही है।आंध्र प्रदेश से आने वालों को कोरोना जांच के बाद ही जिले में प्रवेश दिया जा रहा है। सीमा क्षेत्रो में बेरीकेड्स लगा कर 24 घण्टे निगरानी की जा रही है।

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