नई दिल्ली। (Long Covid) देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर अपने साथ नए-नए संकट ले आ रही है। अब कुछ मरीजों में यह भी पाया गया है कि रिकवर होने के बाद भी उनमें 5-6 महीने तक कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं। मेडिकल टर्म में इस स्थिति को लॉन्ग कोविड (Long Covid) का नाम दिया गया है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान- एम्स के कोविड एक्सपर्ट डॉ नीरज निश्चल के अनुसार ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं है। भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी मरीजों के ठीक होने के बाद लंबे समय, करीब 5-6 महीने तक लक्षण देखे जाते हैं।
ऐसी परिस्थिति उन मरीजों के साथ ज्यादा जिनकी हालत संक्रमण के दौरान ज्यादा खराब थी और जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, ऐसे मरीजों में लॉन्ग कोविड देखा गया है।
उन्होंने कहा कि देश-विदेश के करीब 20 फीसदी मरीज लॉन्ग कोविड से पीड़ित हैं। डॉक्टर के अनुसार, ना सिर्फ गंभीर बल्कि जिन मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण थे, उनमें भी लॉन्ग कोविड की समस्या देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के ठीक होने के बाद भी करीब पांच हफ्ते बाद भी सबसे अधिक समस्या थकान की पायी जा रही है।
रिकवर होने के बाद मरीजों में पाए गए यह लक्षण
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर निश्चल ने कहा कि लॉन्ग कोविड के मुद्दे पर विदेश में स्टडी की गई है। स्टडीज में पाया गया कि कोविड से रिकवर होने के बाद लोगों में सबसे ज्यादा थकान की समस्या देखी गई।
एक आंकड़े के अनुसार 11.8 फीसदी में लोगों में रिकवर होने के बाद थकान के लक्षण देखे गए, वहीं 10.9 फीसदी लोगों में कफ के लक्षण लंबे समय तक बना रहे। यह लक्षण काफी सामान्य है,इसके साथ ही 6.4 फीसदी लोगों में स्वाद की कमी, 6.3 फीसदी लोगों में सुगंध, 6.2 फीसदी लोगों के गले में दर्द और 5.6 फीसदी लोगों में सांस लेने की भी दिक्कत सामने आई है। कई मरीजों में यह लक्षण रिकवर होने के बाद कुछ हफ्तों से लेकर 5-6 महीने तक बने रहते हैं।
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