अमेजन कंपनी दी 8,546 करोड़ की लीगल फीस, खुलासे के बाद कंपनी आई सवालों के घेरे में, होगी जांच

टीआरपी डेस्क। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन द्वारा भारत में लीगल फीस के नाम पर 8,546 करोड़ रुपए का भुगतान दिखाने का भंडाफोड़ होने के बाद कंपनी अब सवालाें के घेरे में आ गई है। कानूनी जानकारों का कहना है कि भारत में इतनी बड़ी लीगल फीस असंभव है।

संभवत: इस राशि का इस्तेमाल घूस देने, मनी लॉन्ड्रिंग में या टैक्स चोरी के लिए किया गया है। बता दें कि इससे छोटे कारोबारियों का नुकसान हो रहा है। साइबर कानून मामलों के जानकार व सुप्रीम कोर्ट एडवाेकेट विराग गुप्ता के मुताबिक, ‘देश के कानून मंत्रालय का बजट 2,645 करोड़ रु. है। इसमें 11 सौ करोड़ कैपिटल एक्सपेंडिचर है। 1,545 करोड़ का बजट बचता है, जबकि अमेजन अपनी लीगल फीस पर 8,546 करोड़ खर्च बता रही है। यह डिजिटल उपनिवेशवाद जैसा है।’

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अश्विनी दुबे ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी लीगल खर्च इतना नहीं है। अमेजन पर कानूनी केस भी कम रहे हैं। सीधी बात है पैसा किसी और काम में खर्च हो रहा था।’ अमेजन की दो साल में आय 42,085 करोड़ रुपए रही।

कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है कि रिश्वतखोरी का मामला बेहद संगीन है। इसमें अमेजन के साथ सरकारी अधिकारी भी संलिप्त हैं। ऐसे में इस सनसनीखेज घोटाले की तत्काल सीबीआई जांच जरूरी है। बता दें कि शिकायतों के बाद केंद्र सरकार इस घूसकांड की जांच करा सकती है। केंद्र के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार की नीति भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की है।

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