Good Initiative: सरकार कर रही राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच के गठन की तैयारी, शिक्षा की गुणवत्ता पर होगा जोर
Good Initiative: सरकार कर रही राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच के गठन की तैयारी, शिक्षा की गुणवत्ता पर होगा जोर

नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार स्कूली व उच्चतर शिक्षा के स्तर पर प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार और विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के उद्देश्य से मंच देने को एक स्वायत्त निकाय के रूप में ‘राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच’ (NETF) गठित करने की तैयारी कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक NETF के गठन व इससे जुड़े विविध आयामों को अंतिम रूप देने के लिए ही शिक्षा मंत्रालय ने एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया है।

इस समिति के अध्यक्ष इंफोसिस के पूर्व सीईओ शिबू लाल हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक विनीत जोशी सदस्य सचिव हैं। अन्य सदस्यों में शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव संतोष सारंगी और आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय कारंदीकर शामिल हैं।  

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने किया है एनईटीएफ के गठन की सिफारिश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को डिजिटल शिक्षा के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सार्वभौम बनाने के विषय पर आयोजित बैठक में एनईटीएफ के विषय पर चर्चा की। मंत्री ने प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के लिए मंच प्रदान करने की जरूरत पर जोर दिया। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एनईटीएफ के गठन की सिफारिश की गई है।

सरकार  साल 2022 तक इस प्रौद्योगिकी नीत मंच को शुरू करना चाहती है। इस विषय पर शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों के संबंधित विभागों एवं स्कूली बोर्ड के साथ चर्चा की है।  

इन क्षेत्रों में प्रासंगिक बने रहने के लिए प्रस्तावित एनईटीएफ विभिन्न स्रोतों से प्राप्त प्रामाणिक आंकड़ों का नियमित प्रवाह बनाए रखेगा तथा शोधार्थियों के विविध वर्गों के साथ मिलकर आंकड़ों का विश्लेषण करेगा।

एनईटीएफ अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी शोधकर्ताओं, उद्यमियों एवं प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के विचारों से लाभ प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। सभी स्तरों पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए भारतीय भाषाओं में शैक्षणिक साफ्टवेयर विकसित किए जाएंगे। प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा।

छात्र क्या और कैसे सीखते है इसका रखा जाएगा ध्यान

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर यह देखा गया है कि स्कूलों में प्रौद्योगिकी से जुड़े विषय पर पठन-पाठन कम्प्यूटर शिक्षा तक ही सीमित रहता है। अब इसमें नए प्रौद्योगिकी क्षेत्र जैसे कोडिंग, कृत्रिम बुद्धिमता, मशीन लर्निंग, ब्लाक चेन (ब्लाक श्रृंखला), स्मार्ट बोर्ड, एडेप्टिव कम्प्यूटर टेस्टिंग एवं अन्य साफ्टवेयर आदि को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह ध्यान रखा जाएगा कि छात्र क्या और कैसे सीखता है।

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