नई दिल्ली। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी के महासचिवों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की बैठक ली इस दौरान एकता और अनुशासन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि संगठन को मजबूत करना व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर होना चाहिए। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नसीहत देते हुए कहा कि देश के जुड़े अहम मुद्दों पर कांग्रेस रोज बयान जारी करती है लेकिन मेरा अनुभव है कि वह जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचता है।

वहीं बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नवजोत सिंह सिद्धू एआईसीसी मुख्यालय पहुंचे थे। बैठक सदस्यता अभियान, महंगाई के मुद्दे पर शुरू होने वाले जनजागरण अभियान और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा के लिए भी बुलाई गई थी। इसके अलावा इस बैठक में लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी और नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल रहे।
संदेशों पर की चिंता व्यक्त
यह बैठक 2022 की शुरुआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेताओं की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को केंद्र सरकार की ‘सबसे खराब ज्यादतियों’ के खिलाफ अपनी लड़ाई को दोगुना करना चाहिए। साथ ही अध्यक्ष ने प्रमुख मुद्दों पर पार्टी के संदेशों पर चिंता व्यक्त की, नीतिगत मुद्दों पर राज्य स्तर के नेताओं में मुझे वैचारिक स्पष्टता और एकजुटता की कमी और दिखती है उन्होंने कहा कि हमें बीजेपी-आरएसएस की विद्वेषपूर्ण विचारधारा का मुकाबला करना है। हमें अनुशासन और एकजुटता दिखानी होगी।
पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र, संविधान और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा की रक्षा की लड़ाई झूठे प्रचार को पहचानने और उसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के साथ शुरू होती है।
उन्होंने कहा, ‘हमें भाजपा-आरएसएस के शातिर अभियान से वैचारिक रूप से लड़ना चाहिए. हमें दृढ़ विश्वास के साथ ऐसा करना चाहिए और अगर हमें यह लड़ाई जीतनी है तो लोगों के सामने उनके झूठ का पर्दाफाश करना चाहिए।
संविधान के मूल्यों को कमजोर करने की कोशिश
सोनिया गांधी ने कहा, ‘यह मेरा अनुभव है कि वे (पार्टी नेता) ब्लॉक और जिला स्तर पर हमारे जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचते हैं। नीतिगत मुद्दे हैं जो मुझे हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी स्पष्टता और एकजुटता की कमी लगती है। ‘मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने हमारे संस्थानों को नष्ट करने की कोशिश की है, ताकि यह जवाबदेही से बच सके और हमारे संविधान के मूल मूल्यों को कमजोर करने की कोशिश की है ताकि यह खुद को निचले स्तर पर रख सके।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर ही सवाल उठाया है। यह बैठक कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सदस्यता अभियान, महंगाई के मुद्दे पर जन-जागरण अभियान तथा संगठनात्मक चुनाव के तय किये गए कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि में हुई है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने हैं।
महंगाई के मुद्दे पर चलाया जाएगा अभियान
16 अक्टूबर को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम तय करने के साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि आगामी एक नवंबर से कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएगी, जो अगले साल 31 मार्च तक चलेग।इसके साथ ही फैसला हुआ था कि 14 से 29 नवंबर के बीच महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा। पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह के बीच, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी इस बैठक में शामिल हुए।
बढ़ी कांग्रेस की चिंता
हाल ही में, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत की कैप्टन के खिलाफ टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी और इसे ‘डेली सोप ओपेरा’ करार दिया था। कैप्टन अमरिंदर द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने की घोषणा के बाद कांग्रेस की चिंता और भी बढ़ गई है, क्योंकि कैप्टन के करीबी नेता कांग्रेस छोड़कर कैप्टन के साथ जा सकते हैं। सीडब्ल्यूसी ने मूल्य वृद्धि और किसानों के शोषण के खिलाफ 14 से 29 नवंबर तक बड़े पैमाने पर आंदोलन का फैसला किया है। इसमें जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक के पार्टी नेतृत्व भाग लेंगे।
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