बड़ी खबर- रायपुर समेत इन 13 एयरपोर्ट्स का होगा प्राइवेटाइजेशन

रायपुर। Airports Authority of India (AAI) ने 13 एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन को हरी झंडी दे दी है- 6 प्रमुख और 7 छोटे एयरपोर्ट को इसमें शामिल किया गया है। सरकार ने फायनेंस ईयर 2024 तक हवाई अड्डों में 3,660 करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य तय किया है।

13 एयरपोर्ट का होगा प्राइवेटाइजेशन

सूत्रों की मानें तो Airports Authority of India (AAI) ने 6 प्रमुख हवाई अड्डों- भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर और सात छोटे हवाई अड्डों- झारसुगुड़ा, गया, कुशीनगर, कांगड़ा, तिरुपति, जबलपुर और जलगांव के प्राइवेटाइजेशन को मंजूरी दे दी है। इन छोटे हवाई अड्डों को प्रमुख हवाई अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि बड़े इंवेस्टर को लुभाया जा सके। देश में ऐसा पहली बार है, जब हवाई अड्डों के प्रायवेटाजाइजेशन में छोटे हवाई अड्डों को बड़े एयरपोर्ट के साथ जोडऩे का मॉडल तैयार किया जा रहा है।

छोटे हवाई अड्डों को बड़े एयरपोर्ट के साथ किया जाएगा कनेक्ट

नीति आयोग ने कहा है कि, ‘मुनाफा कमा रहे एयरपोर्ट के साथ गैर-लाभप्रद हवाई अड्डों का प्राइवेटाइजेशन के निवेश एवं भागीदारी से विकास सुनिश्चित करने के लिए 6 बड़े हवाई अड्डों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने और एक पैकेज के रूप में देने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।’

Airports Authority of India (AAI) की योजना के मुताबिक झारसुगुड़ा हवाई अड्डे को भुवनेश्वर के साथ जोड़ा जाएगा। कुशीनगर एवं गया हवाई अड्डों को वाराणसी के साथ, कांगड़ा को अमृतसर के साथ, जबलपुर को इंदौर के साथ, औरंगाबाद को रायपुर के साथ और त्रिची को तिरुपति हवाई अड्डे के साथ जोड़ा जाएगा।

यह 2019 में निजीकरण के दूसरे चरण की शुरुआत में एक निजी समूह को दिए गए छह हवाई अड्डों के क्रम में हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के हवाई अड्डों को निजी ऑपरेटरों को सौंपा जा चुका है।

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