टीआरपी डेस्क। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। इस बार उन्होंने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम में पंडितों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है।

दरअसल, शनिवार को पटना में भुइयां मुसहर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में जीतन राम मांझी मुख्य अतिथि थे। यहां जीतन राम मांझी ने अपने भाषण के दौरान के अपशब्द का प्रयोग किया। मांझी ने धर्म के नाम पर हो रही राजनीति का मुद्दा उठाया और इसी दौरान उन्होंने पंडितों के लिए अमर्यादित शब्द का प्रयोग किये।
मांझी का बयान
कार्यक्रम में HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी ने कहा, “आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है। सत्यनारायण भगवान की पूजा का नाम हम लोग नहीं जानते थे. **** अब हर टोला में हम लोगों के यहां सत्यनारायण भगवान पूजा होती है। इतना भी शर्म लाज नहीं लगता है कि पंडित **** आते हैं और कहते हैं कि कुछ नहीं खाएंगे आपके यहां…बस कुछ नगद दे दीजिए।”
विवाद के बाद जीतन राम मांझी की सफाई
वहीं इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद जीतन राम मांझी ने सफाई मांग ली है। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा है कि उन्होंने ब्राह्मणों के लिए कोई अपशब्द नहीं कहा है। अगर ब्राह्मण समाज को मेरे बयान से ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। जीतन राम मांझी ने कहा कि उस शब्द का प्रयोग उन्होंने अपने समाज के लोगों के लिए किया था कि हमारे समाज के लोग ऐसे लोगों से पूजा करा रहे हैं जो हमारे यहां खाना खाने तक पसंद तक नहीं करते हैं।
बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने भी इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान किसी को नहीं देने चाहिए। मांझी हमारे वरिष्ठ नेता हैं। किसी समाज को लेकर विवादित बयान नहीं देना चाहिए।राष्ट्रीय जनता दल के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि बीजेपी और आरएसएस की गोद में बैठकर जीतन राम मांझी की भाषा भी उन्हीं के जैसी हो गई है। जीतन मांझी ने ब्राह्मण जाति के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया है वह कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है और क्षमा योग्य नहीं है।
ब्राह्मण समाज में गुस्सा
जीतन राम मांझी के बयान पर ब्राह्मण समाज में गुस्सा है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा परशुराम सेवा संस्थान के प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस संस्थान ने कहा है कि जीतन राम मांझी माफी मांगें, संगठन ने कहा है कि वो पूर्व सीएम के इस बयान के खिलाफ कोर्ट जाएगी।
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