भाजपा के फायरब्रांड नेताओं समेत सोनिया, राहुल, प्रियंका गांधी, स्वरा भास्कर और सिसोदिया को हाईकोर्ट का नोटिस, दिल्ली दंगों से जुड़ा है मामला

टीआरपी डेस्क। दिल्ली दंगा (Delhi Riots) मामले में हाई कोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया है। हाईकोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर, एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

नोटिस में हाईकोर्ट ने इन सभी नेताओं से जवाब मांगा है कि उन्हें खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून ( CAA) के विरोध में हुए दिल्ली दंगों के मुकदमों में एक पक्ष मानते हुए मुकदमा क्यों नहीं चलाना चाहिए?

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता की डिविजन बेंच ने इस मामले में दोनों पक्ष के वकीलों की याचिका पर करीब 25 लोगों को नोटिस भेजा है, जिनमें भाजपा के फायर ब्रांड नेता कपिल मिश्रा, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा, AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान, वारिस पठान, महमूद पार्चा और AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल है। इन सभी पर दंगे भड़काने के लिए हेट स्पीच देने का आरोप है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने जारी किए गए नोटिस पर जवाब दाखिल करने के लिए चार मार्च तक का समय दिया है। कोर्ट ने ये नोटिस एक दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में दंगा मामले में एक याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता ने दंगा भड़काने के मामले में कई राजनेताओं समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी। पिछली सुनवाई में दिल्ली (Delhi) हाई कोर्ट ने पूछा था कि क्या ये वही लोग हैं, जिनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने पूछा था कि ये लोग ही मामले में पक्षकार हैं।

23 फरवरी 2020 को भड़का था दंगा

दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा था कि क्या उनकी बात सुने बिना गिरफ्तार करने की याचिका पर आगे कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि दिल्ली में 23 फरवरी 2020 में दंगा हुआ था। 26 फरवरी तक हुए इन दंगों में करीब 53 लोगों की मौत हो गई थी। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों में करीब 581 लोग घायल हुए थे।

दंगा मामले में पुलिस ने 755 FIR दर्ज की थीं। दर्ज केसों में से कुछ मामलों पर दिल्ली हाई कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने सभी से पूछा है कि मामले में पक्षकार के रूप में उन पर केस क्यों न चलाया जाए। चार मार्च तक सभी को अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करना होगा।

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