108 एम्बुलेंस की सेवा में गड़बड़ी उजागर, नेता प्रतिपक्ष ने ध्यानाकर्षण में लगाया आरोप, सरकार ने फर्म पर नहीं की समुचित कार्रवाई
108 एम्बुलेंस की सेवा में गड़बड़ी उजागर, नेता प्रतिपक्ष ने ध्यानाकर्षण में लगाया आरोप, सरकार ने फर्म पर नहीं की समुचित कार्रवाई

रायपुर। विधानसभा में आज सरकार ने आखिरकार स्वीकार किया कि 108 एम्बुलेंस सेवा से जुड़े ठेका फर्म ने शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसके एवज में फर्म के ऊपर जुर्माना लगाया गया है। मगर विपक्ष ने इसे पर्याप्त नहीं मानते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है।

छत्तीसगढ़ में बीते एक दशक से संजीवनी एम्बुलेंस सेवा 108 का संचालन किया जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में इस सेवा के टेंडर में गड़बड़ी के बाद अब यह सेवा मुहैया करा रहे फर्म के द्वारा सेवा शर्तो का उल्लंघन करने की अनेक शिकायतें की गईं। इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने बताया कि ग्रामीण चिकित्सा इकाई और 108 सेवा के अनुबंध के तहत एम्बुलेंस सेवा का टेंडर जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेस सम्मान फाउंडेशन को जारी किया गया हैं।

गड़बड़ी उजागर हुई तो लगी पेनाल्टी

विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाये गए इस मामले के संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि 108 की सेवाएं मुहैया करा रहे ठेका फर्म द्वारा नियमों का लगातार उल्लंघन किये जाने
की शिकायत हुई जिसकी जांच में गड़बड़ी पायी गई, इसके एवज में फर्म के ऊपर पहले 52 लाख 15 हजार 440 रूपये की पेनाल्टी लगाई गयी। फिर उसके ऊपर पुनः 26 लाख 4 हजार और 27 लाख 72 हजार की पेनाल्टी लगाई गई।

केवल पेनाल्टी पर्याप्त नहीं

नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में कहा कि केवल पेनाल्टी लगाना पर्याप्त नहीं है। 108 एम्बुलेंस सेवा में जिस तरह की सुविधाएँ होनी चाहिए अगर वो मुहैया नहीं हो रही है तो मरीजों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसे ध्यान में रखते हुए संबंधित फर्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ को बंद करना चाहिए। हालांकि मंत्री ने इस मामले में प्रावधानों को देखते हुए कार्रवाई करने की बात कही है। इस मामले की जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर अपनों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
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TRP ने सबसे पहले उजागर की थी गड़बड़ी

दरअसल राज्य में 108 एम्बुलेंस सेवा, 112 वाहन सेवा का जो टेंडर पिछली बार जारी हुआ था उसमे जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेस सम्मान फाउंडेशन ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे ये कार्य हासिल किये, जिसे TRP न्यूज़ ने उजागर किया था। बावजूद इसके तब ठेका फर्म के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। कायदे से अगर किसी फर्म ने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया है तो सीधे टेंडर निरस्त कर दिया जाना चाहिए क्योंकि संबंधित फर्म इस कार्य के लिए पात्र ही नहीं थी।

रसूखदारों का मिला संरक्षण

एम्बुलेंस सेवा का संचालन कर रहे जय अम्बे इमरजेंसी सर्विसेस सम्मान फाउंडेशन के खिलाफ तब कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की गई क्योंकि उसे रसूखदार नेताओं और प्रमुख अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ था। यही वजह थी कि फर्जीवाड़े के बाद भी इनका टेंडर निरस्त नहीं हुआ, मगर लगातार शिकायतें मिलने के बाद जांच की गई और फर्म के ऊपर लगातार 3 बार जुर्माना लगाया गया। सवाल यह उठता है कि जिस कंपनी को 108 जैसी संवेदनशील सेवाओं का अनुभव ही नहीं था उसे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अगर टेंडर दे भी दिया गया तो जब फर्जीवाड़ा उजागर हुआ तब टेंडर निरस्त क्यों नहीं किया गया। नेता प्रतिपक्ष धरम लाल ने भी मामले में इसी तरह की कार्रवाई की मांग की है, मगर मंत्री ने विधिवत कार्रवाई की बात कहकर मामले को फ़िलहाल शांत कर दिया है।
108 एम्बुलेंस सेवा के टेंडर में की गई गड़बड़ियों को जानने के लिए इस लिंक पर खबर पढ़ें :

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