सीएम भूपेश के सम्मान समारोह में जमकर चली हंसी-ठिठोली, शिक्षाकर्मियों के आंदोलन में कांग्रेस की सहभागिता को याद किया बघेल ने
सीएम भूपेश के सम्मान समारोह में जमकर चली हंसी-ठिठोली, शिक्षाकर्मियों के आंदोलन में कांग्रेस की सहभागिता को याद किया बघेल ने

रायपुर। राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में शिक्षक संवर्ग एवं पंचायत सचिव संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ‘कका’ संबोधित करते हुए उनके जिंदाबाद के नारे लगाए गए, वहीं भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने उद्बोधन में जमकर हंसी-ठिठोली की और शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को याद करते हुए कहा कि जब कांग्रेस पार्टी इस आंदोलन में कूदी तब भाजपा की सरकार ने आनन-फानन में शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फैसला किया।

6 क्विंटल पोहा लेकर आया था..!

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षाकर्मियों के आंदोलन का स्मरण करते हुए कहा कि वे खुद आंदोलनकारियों के लिए 6 क्विंटल पोहा लेकर आये थे, इसके अलावा बर्तन और प्याज-तेल का इंतजाम भी उन्होंने किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस आंदोलन में जैसे ही इंट्री हुई, भाजपा सरकार ने तत्काल शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फैसला किया।

पुराने पेंशन का इतना असर.. सोचा नहीं था…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब मैने पुराने पेंशन को लागू करने की घोषणा की तो यह सोचा नहीं था कि इसका असर कितनी दूर तक होगा। एक फैसले से शासकीय कर्मियों के जीवन में कितना परिवर्तन होता है। अधिकारियों-कर्मचारियों को अब बूढापे की चिंता नहीं रहेगी। उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि अधिकारियों ने अपना पेंशन लागू करवाके मेरा टेंशन बढ़ा दिया है।

कांग्रेस काल में हुई थी शिक्षकों की सीधी भर्ती

भूपेश बघेल ने कहा कि मध्यप्रदेश के बादशिक्षकों की सीधी भर्ती हमारे कार्यकाल में हुई थी। अब कोई शिक्षा कर्मी भर्ती नहीं होगी, अब केवल शिक्षक भर्ती होगी।

अनुकम्पा में नियम आ रहा है आड़े

प्रदेश में लगभग 900 शिक्षकर्मियों की आकस्मिक मृत्यु हुई है, इसका जिक्र करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि आश्रितों को हम अनुकम्पा नौकरी देना चाहते हैं, मगर नियम आड़े आ रहा है, संविदा नौकरी में अनुकम्पा का प्रावधान नहीं है। सरकार इस पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है।

मुख्यमंत्री इस दौरान अपनी सरकार जनहितकारी योजनाओं का जिक्र करते रहे और इधर पूरे हॉल में उनके जिंदाबाद के नारे लगते रहे। उन्होंने शिक्षकों से स्कूलों में बाड़ी को अच्छी तरह विकसित करने को कहा ताकि बच्चों को ताजी और पौष्टिक सब्जियां खाने को मिले और उनका कुपोषण दूर हो सके। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की अपील भी शिक्षकों से की।

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