TRP DESK। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग की टीम ने गुटखा व्यवसायी के मकान एवं फैक्टरी में करीब 18 घंटे तक जांच पड़ताल की। इसमें करीब साढ़े छह करोड़ की नकदी और बड़ी मात्रा में सोना भी बरामद किया गया। सीजीएसटी की टीम ने बरामद नकदी व अन्य सामान तीन बक्सों में भरकर एसबीआई के अधिकारियों को सौंप दिया है।

मामला यूपी के हमीरपुर का है। कानपुर की सीजीएसटी की टीम ने दयाल गुटखा के निर्माता पुरानी गल्ला मंडी निवासी व्यवसायी जगत गुप्ता के आवास पर छापा मारा। आवास के नीचे के हिस्से में ही गुटखा फैक्टरी भी संचालित है। सूत्रों के अनुसार टीम के हाथ कुछ ऐसे कागजात भी लगे हैं, जिनसे साबित होता है कि जगत अपना पूरा कारोबार अपने दो पुराने नौकरों राकेश पंडित और सहदेव गुप्ता के नाम से चला रहा है।

गद्दे के नीचे नोट देख बुलाई मशीनें

सीजीएसटी की टीम जिस वक्त गुटखा व्यवसायी जगत के आवास पर कागजातों की जांच पड़ताल कर रही थी, इसी बीच एक कमरे में पड़े बेड के नीचे से नोटों के बंडल बरामद होते ही टीम सदस्यों की सक्रियता और तेज हो गई। सूत्रानुसार इसके बाद और सोफे व गद्दों से जब नोट निकलने लगे तो उनकी गिनती के लिए टीम ने एसबीआई से संपर्क मशीनें मंगाई। तीन मशीनों से घंटों तक नोटों की गिनती की गई।

आढ़तिया से जगत बना गुटखा व्यवसायी

नजदीकियों के मुताबिक साल 2001 से पहले जगत एक मामूली गल्ला आढ़ती था। इसके बाद उसने कस्बा निवासी राकेश गुप्ता व हमीरपुर के मेडिकल स्टोर संचालक गोपाल ओमर के साथ मिलकर चंद्रमोहन ब्रांड का रजिस्ट्रेशन कराया और गुटखा व्यवसायी बन गया। चंद दिनों में ही यह ब्रांड बुंदेलखंड के साथ-साथ कानपुर, फतेहपुर व कानपुर देहात में छा गया और उसकी माली हालत रातों-रात बदल गई।

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