रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्नाटक चुनाव को लेकर आज फिर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हार के बाद बीजेपी को सच बोलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पूरा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़े और अब जवाबदारी कोई और ले रहा है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कोयला को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। भूपेश ने कहा कि केंद्र की कोयला आयात नीति के कारण देश में महंगी बिजली का खतरा पैदा हो गया है। पावर प्लांट को पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा है। इस पर केंद्र सरकार ने देशी कोयले में विदेशी कोयला मिलाने कहा है, जिससे लागत बढ़ेगी और बिजली महंगी हो जाएगी। बहुत सारे राज्यों के पास 3-4 दिन का ही कोयला बचा है।


सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि देश को जितनी मात्रा में कोयला चाहिए उतना उत्पादन नहीं हो रहा है। केंद्र की मोदी सरकार विदेश से आए कोयले का 10-20 प्रतिशत हिस्सा देशी कोयले में मिलाने का दबाव बना रही है। विदेशों से आया कोयला देशी कोयले की तुलना में काफी महंगा होता है, इसके कारण कॉस्ट बढ़ेगा। सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। कॉस्ट कंट्रोल करने बिजली कंपनियों को दरें बढ़ानी पड़ेंगी, जिससे आम लोगों पर असर पड़ेगा।

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विदेशों से आयातित कोल की कीमत 15 से 20 हजार रुपये

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को ठीक से खदानों का आवंटन नहीं किया। देश के कोयले की अपेक्षा विदेशी कोयले की 6 गुना महंगा पड़ेगा। देश के कोयले की कीमत 3,000 से 4,000 रुपये प्रति टन है, जबकि विदेश से जो कोयला आएगा वह 15,000 से 20,000 रुपये प्रति टन पड़ेगा। विदेशी कोल का उपयोग करने से भार विद्युत कंपनी पर पड़ेगी यानी बिजली उत्पादन ही महंगा हो जाएगा।

3 से 4 दिनों में खत्म हो जायेंगे कई राज्यों के भंडार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि देशभर में कोयले की स्थिति ठीक नहीं है। पिछली बार तो जैसे-तैसे हालात संभल गए। अब जो स्थिति बन रही है, वह भयावह होने वाली है। कई राज्यों के पास कोल भंडार समाप्त हो रहा है। कई राज्यों में कोयले का स्टॉक इतना कम है कि 3 से 4 दिन में ही उनका भंडार खत्म हो जाएगा। केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध नहीं कराती है तो बिजली संकट पैदा होने का खतरा है।

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