‘‘राईट ऑफ वे’’ अधिकार से दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार में आएगी तेजी
‘‘राईट ऑफ वे’’ अधिकार से दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार में आएगी तेजी

महासमुंद। राज्य में दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार के लिए मोबाईल टॉवर की स्थापना एवं राईट ऑफ वे की अनुमति शीघ्र प्रदान करने के लिए शासन द्वारा प्रदेश में दूरसंचार अवसंरचना के विकास के लिए तारमार्ग के अधिकार (‘‘राईट ऑफ वे‘‘) की नीति अधिसूचित की गई है। इसके क्रियान्वयन के लिए जिले में कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की अध्यक्षता में को जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस संबंध में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय समिति की प्रथम बैठक रखी गई थी।

ई-जिला प्रबंधक भूपेन्द्र अम्बिलकर ने महासमुन्द के द्वारा छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना द्वारा ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य में दूरसंचार अवसंरचना के विकास के लिए तार मार्ग के अधिकार ‘‘राइट ऑफ वे‘‘ की नीति 2021 की जानकारी दी। उन्होंने इस परियोजना के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि यह ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों, दूरस्थ, पहाड़ी स्थलों पर निर्बाध गति का इंटरनेट प्रदान करने के लिए आधुनिक दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना की प्रक्रिया को सुगम, सरल और विनियमित करना एवं भूमि या भवन पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापना के लिए अनुमति प्रदान करना है। इस परियोजना में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से ऑनलाईन अग्रेषित आवेदनों की समीक्षा कर जिला स्तरीय समिति संशोधन, स्वीकृत अथवा अस्वीकृत कर सकेगी।

क्या है राइट ऑफ वे (RoW)

राइट ऑफ वे (RoW) संशोधन देश भर में डिजिटल संचार बुनियादी ढाँचे की स्थापना और वृद्धि के लिये राइट ऑफ वे (RoW) से संबंधित अनुमति प्रक्रियाओं को आसान बनाएंगे।
इससे पहले RoW नियमों में केवल भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) और मोबाइल टावर शामिल थे।
भूमिगत और ओवरग्राउंड टेलीग्राफ इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना, रखरखाव, स्थानांतरण या परिवर्तित के लिये प्रशासनिक शुल्क और बहाली शुल्क के अलावा कोई शुल्क नहीं होगा।

क्या हैं RoW के फायदे

इसमें डिजिटल इंडिया मिशन और भारतनेट परियोजना के अनुरूप ग्रामीण-शहरी तथा अमीर-गरीब के बीच डिजिटल डिवाइड को समाप्त करना शामिल है। ई-गवर्नेंस और वित्तीय समावेशन को मज़बूत किया जाएगाव्यवसाय शुरू करना अधिक आसान होगा। नागरिकों व उद्यमों की सूचना और संचार ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा (5G सहित)।
भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य/सपने को हकीकत में तब्दील किया जा सकेगा।

जिला स्तरीय समिति में ये होंगे पदाधिकारी

महासमुंद में आयोजित बैठक में परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राजपत्र में प्रकाशित नियमानुसार जिला स्तरीय समिति के गठन, सदस्यों की जानकारी दी गई। जिसमें भू-अभिलेख शाखा के प्रभारी अधिकारी को नोडल अधिकारी एवं ई सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी को सदस्य सचिव नामांकित किया गया है। बैठक में जिला स्तरीय समिति को प्राप्त आवेदनों की समीक्षा के मापदण्ड तथा जिला स्तरीय समिति के दायित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

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