Why Did MP Sunil Soni Say Chamachgiri In Congress- सांसद क्यों बोले कांग्रेस में चमचागिरी के स्पर्धा
Why Did MP Sunil Soni Say Chamachgiri In Congress- सांसद क्यों बोले कांग्रेस में चमचागिरी के स्पर्धा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अब काफी ज्यादा सक्रीय हो चली है। एक ओर जहां सीएम भूपेश बघेल जनता से भेंट-मुलाकात कर रहे हैं वहीं भाजपा नेता भी जनता के समक्ष सक्रियता दिखा रहे हैं।

आज भाजपा नेता और सांसद सुनील सोनी ने प्रेसवार्ता के दौरान अर्बन कमेटी की हुई बैठक के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कई योजनाओं पर बात कही और साथ ही बिल्डरों के ऊपर लागू हुए अधिनियमों पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोगों को अपने अधिकारों के संबंध में जानकारी नहीं होती है। सांसद सुनील सोनी ने हाउसिंग बोर्ड में लोगों को जो परेशानियाँ होती है उसपर भी रोशनी डालते हुए कहा कि जो लोग हाउसिंग में बिल्डर्स लोगों से मकान लेते हैं और वह परेशान रहते हैं, भटकते रहते हैं उनको न्याय नहीं मिलता।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019

(Urban Committee) इसके बाद उन्होने पीएम द्वारा लागू किए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 पर चर्चा की और कहा प्रधानमंत्री Narendra Modi ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 219 बनाया है। इस अधिनियम के तहत जो भी उपभोक्ता है उसकी धनराशि वापस नहीं हो रही होगी।

इस अधिनियम को ध्यान में रखते हुए मकान की गुणवत्ता पर और उसमें रिफ़ंड नहीं की हुई राशि पर वह बोले की “मकान जो खरीदा गया है उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। जो सहमति से अधिक धनराशि की मांग करता है ऐसे 14 प्रकार बिंदु होते हैं जिस पर सुनवाई की जाती है।”

क्या है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019?

2019 अधिनियम के तहत, उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (CDRC) जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किए गए है। जहां उपभोक्ता किसी भी गलत काम के खिलाफ राहत की मांग कर सकते हैं। चूंकि त्रि-स्तरीय प्रणाली है। इसलिए कानून ने आयोगों के अधिकार क्षेत्र को विभाजित करने के लिए एक आर्थिक तंत्र की स्थापना की है।

उपभोक्ताओं को किया गाइड

उन्होने उपभोक्ताओं को गाइड करते हुए यह बात कही की “जो उपभोक्ता है वह जिला और प्रदेश के अंतर्गत जा सकता है। अगर जिले और प्रदेश के अंतर्गत उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो वह भारत सरकार को भी ईमेल कर सकता है।”

साथ ही इस परेशानी से पीड़ित लोगों के लिए उन्होने यह आश्वासन दिया की अगर भारत सरकार को उनकी अगर प्रदेश में सुनवाई नहीं हो रही है, तो भारत सरकार को संपर्क करने से उनकी सुनवाई 90 दिनों के अंतर्गत की जाएगी। उन्होने आगे यह महत्वपूर्ण बात भी कही की उसके लिए जरूरी चीज है कि वह उपभोक्ता हो।

सांसद सोनी ने बताया की अगर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से मकान खरीदा होगा तो उसके लिए यह नियम लागू नहीं होगा। एक व्यक्ति अगर कोई बिल्डर आरडीए, हाउसिंग बोर्ड है इन फोरम से चाहे वह प्राइवेट बिल्डर से खरीदा होगा तो वह इस अधिनियम के अंतर्गत आएगा।

उन्होने कहा की जो भी बिल्डर अपने उपभोक्ता को जो सुविधा देने का वादा किया हो अगर वह पूरा नहीं करेगा तो इस अधिनियम के अंतर्गत आएगा।

उन्होने कानूनी दायरों को साफ समझते हुए यह बात कही की कुछ बिल्डर पर कड़ी कार्यवाही इस अधिनियम के अंतर्गत की जाएगी। 90 दिनों के अंतर्गत अगर बिल्डर उपभोक्ता की मांगों को पूरा नहीं करेगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होने उपभोक्ताओं को यह भी याद दिलाया की रेरा में पंजीकृत होना जरूरी नहीं है। उपभोक्ता बिल्डर और हाउसिंग बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत होना जरूरी है।

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