जगदलपुर। प्रदेश के मुखिया भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत दूसरे चरण का दौरा कल से बस्तर से शुरू करने जा रहे हैं। इसीके मद्देनजर पूरा सरकारी अमला व्यवस्थागत खामियों को दुरुस्त करने में लगा हुआ है। ऐसे मौके पर लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। इसी कड़ी में सरकार की फ्लैगशिप योजना में लापरवाही बरतने वाले रेंजर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की।

चराई विकास योजना की अनदेखी
बस्तर के करपावण्ड वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत जैबेल में 2020-21 के लिए स्वीकृत “आवर्ती चराई विकास योजना” कार्य का बस्तर वन मंडलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि रेंजर रामदत्त नागर ने निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार कार्य नहीं कराया है। इतना ही नहीं शासकीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही भी बरती गई है।
इस मामले में रेंजर द्वारा घोर लापरवाही और उदासीनता बरते जाने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन किये जाने के कारण रामदत्त नागर, वनक्षेत्रपाल, परिक्षेत्र अधिकारी करपावण्ड (सामान्य) परिक्षेत्र, वनमण्डल बस्तर के विरुद्ध अनुशासनात्म्क कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। यह आदेश प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी द्वारा जारी किया गया है।
इसी योजना में DFO हुए निलंबित
गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर जिले के दौरे के दौरान “आवर्ती चराई विकास योजना” में ही लापरवाही बरतने के आरोप में यहां के DFO और रेंजर को ऑन द स्पॉट निलंबित कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद वन महकमा भी सहमा हुआ है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना एनजीजीबी से जुडी योजनाओं के क्रियान्वयन पर पूरा सरकारी तंत्र विशेष ध्यान दे रहा है।
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