चारधाम यात्रा : सड़क धसने से 6 श्रद्धालुओं की मौत, हजारों तीर्थयात्री फंसे

देहरादून। बदरीनाथ धाम, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। प्रमुख तीर्थ स्थालों के कपाट खुलने के बाद चारधाम की यात्रा शुरू हो चुकी हैं। इस बीच यमुनोत्री धाम की सड़क धंसने की दुखद खबर आई है। इस घटना में छह तीर्थ यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

सड़क धसने की वजह से उत्तरकाशी जिले में स्यानाचट्टी और रानाचट्टी के बीच यमुनोत्री हाईवे को बड़े वाहनों के लिए बंद कर दिया गया। इससे यमुनोत्री क्षेत्र में हजारों यात्री फंस गए। डामटा से जानकीचट्टी के बीच भी तमाम यात्री यमुनोत्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। एनएच के अधिशासी अभियंता राजेश पंत के अनुसार यातायात व्यवस्था बहाल होने पर मार्ग जल्द खोल दिया जाएगा।

रुद्रप्रयाग के सीएमओ डॉ.बीके शुक्ला के मुताबिक़ प्रदीप कुलकर्णी (61) निवासी पुणे, महाराष्ट्र, और बंशीलाल (57) निवासी मंदसौर, मध्य प्रदेश की मृत्यु हो गई। बदरीनाथ में बीना बेन (55) निवासी गुजरात की भी हृदयगति रुकने से मृत्यु हो गई।

उधर, ऋषिकेश में चारधाम की यात्रा करके लौटे अवधेश नारायण तिवारी (65) पुत्र शिव प्रसाद तिवारी निवासी साहो आमला गोरखपुर, यूपी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं, हरिद्वार और ऋषिकेश के मंदिरों के दर्शन के लिए आईं सौरम बाई (49) निवासी धार, मध्य प्रदेश और उमेश दास जोशी (58) निवासी मलाड, मुंबई की भी हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई।

हरिद्वार और ऋषिकेश में फंसे 9500 यात्री

चारधाम यात्रा पर जा रहे तीर्थ यात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण काे रोक दिया गया है। रजिस्ट्रेशन के बिना ऋषिकेश से ऊपर तीथ यात्रियों को जाने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में ऋषिकेश, हरिद्वार सहित आसपास में ही साढ़े नौ हजार तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। सभी के होटल, धर्मशाला, लॉज में शरण ली हुई है, जिस कारण ऋषिकेश और हरिद्वार पूरी तरह पैक हैं।

ऑफलाइन पंजीकरण के लिए नियम होगा सख्त

पर्यटन विभाग ने ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था को और सख्त बना दिया है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि अब ऑफलाइन पंजीकरण सिर्फ एक सप्ताह के भीतर का ही होगा। एक सप्ताह से अधिक समय का पंजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।

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