नया रायपुर – कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। जो गुणवत्तापूर्ण बेहतर शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी पूर्ण करने में विश्वास रखता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कलिंगा विश्वविद्यालय के द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डॉक्टरों के अभुतपूर्व योगदान पर चर्चा के उपरांत आठ चिकित्सकों को शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।


विदित हो कि भारत के महान चिकित्सक डॉ. विधानचंद्र राय के जन्म एवं निर्वाण दिवस पर कलिंगा विश्वविद्यालय के द्वारा प्रत्येक वर्ष एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। डॉक्टर्स डे पर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न छात्रावासों के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. ए. विजय आनंद ने कहा कि मानवता की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। अपनी जान की परवाह ना करके डॉक्टर्स और चिकित्सा कर्मी मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं।

वह अपनी जिंदगी की परवाह किए बगैर मानवता की रक्षा के लिए अपनी ऊर्जा और क्षमता के माध्यम से बुरे से बुरे समय में मानवहित की रक्षा के लिए सराहनीय कार्य करते रहे हैं। आज चिकित्सकों का सम्मान करने से वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।


विश्वविद्यालय के यंग इंडियन शाखा की समन्वयक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग की सहा. प्राध्यापक सुश्री स्वाति अग्रवाल ने चिकित्सकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सक को भगवान का दर्जा दिया गया है। कोरोना काल में चिकित्सकों की बदौलत ही लाखों लोगों की जान बच पाई है। डॉक्टरों के सहानुभूति और सहनशील व्यवहार से रोगी आधा ठीक हो जाता है।

इस आयोजन के पश्चात स्वास्थ्य मंत्रालय ,नया रायपुर के सहा. निर्देशक डॉ. शैलेंद्र अग्रवाल, आरंग ब्लॉक के ब्लॉक चिकित्साधिकरी डॉ. के. एस. राय, नेत्र चिकित्सक डॉ. मनीष श्रीवास्तव, होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. नीता शर्मा, दंत चिकित्सक डॉ. वीरेंद्र मातावाले, राखी हॉस्पिटल के डॉ. संजय नवल, नया रायपुर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. आर. के. श्रीवास्तव और डॉक्टर निखिल मोरीरमानी की कार्यस्थली पर जाकर उनको सम्मानित किया गया।


विश्वविद्यालय में आयोजित उक्त सम्मान समारोह का संचालन सुश्री स्वाति अग्रवाल और धन्यवाद ज्ञापन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. ए. विजय आनंद ने किया।इस अवसरपर विश्वविद्यालय की नर्सिंग स्टॉफ, चिकित्सा कक्ष के कर्मचारी और छात्रावास के विद्यार्थियों के साथ अनेक प्राध्यापक उपस्थित थे।