0 दिवंगत नेता निरंकारी को सदन की श्रद्धांजलि, विधानसभा कल तक के लिए स्थगित
0 प्रश्नकाल में विपक्ष का हंगामा, सदन में इस्तीफे की प्रति लहराई गई

रायपुर। आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ हुआ। सत्र की शुरुआत सदन ने दिवंगत पूर्व सांसद चक्रधारी सिंह और पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी को श्रद्धांजलि देने से हुई। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। 10 मिनट बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। इसमें वन विभाग, ऊर्जा, नगरीय प्रशासन और खनिज विभाग से सवाल पूछे गए। विपक्ष काफी मुखर दिखा। पीएचई मंत्री रूद्र गुरु को जल जीवन मिशन योजना के लक्ष्य और ठेकेदारों की पेमेंट पर घेरा गया। इसी तरह रायगढ़ समेत अन्य जिलों में फ्लाई ऐश के क्षमता से ज़्यादा भराव और उनसे होने वाली दिक्कतों पर तीखे सवाल उठाये गए। मंत्री अकबर ने विपक्षी तेवर देख जांच के लिए भरोसा दिलाया।

प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक प्रकाश नायक ने फ्लाई एश का अधिक भराव रायगढ़ जिले में करने पर उठाया। विधायक रामकुमार ने भी अपने क्षेत्र में ऐसी समस्या की ओर ध्यान खींचा तो मंत्री मो अकबर ने दोनो मामले के जांच का आश्वासन दिया।

राज्य में जल जीवन मिशन योजना में देरी के मुद्दे पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरा। योजना में काम अधूरा रहने और राज्य का हिस्सा देने का मामले में उठे सवाल। नेता प्रति पक्ष धरम लाल कौशिक और अजंय चंद्राकर ने जेजेएम योजना में गड़बड़ी का आरोप लगते हुए सदन की कमेटी से जांच की मांगकी। विपक्ष ने अधूरे काम को लेकर खूब नाराज़गी ज़ाहिर की। हंगामा करते हुए विपक्ष ने ठेकेदारों को भुगतान नही करने का आरोप लगाया।

मंत्री रुद्र गुरु ने केंद्र से योजना में केंद्र का फंड रोक देने की वजह से भुगतान में देरी का कारन बताया। उन्होंने कहा कि अब तक 25% काम हुआ है पूरा केंद्र की देरी से योजना में असर पड़ा है।

मंत्री ने दी सदन में जानकारी

65 लाख से अधिक कनेक्शन का है लक्ष्य था
38 लाख 47 हजार कनेक्शन देने की थी प्रशासनिक स्वीकृति
30 जून तक 6 लाख 25 हजार घरेलू कनेक्शन काम पूरे किए गए
32 लाख 49 हजार कलेक्शन काम अधूरा है
सदन में जवाब से असंतुष्ट हो कर विपक्ष ने वॉक आउट किया।

प्रश्नकाल के बाद उठा मंत्री के द्वारा पद छोड़ने का मुद्दा

टी एस सिंहदेव के द्वारा पद छोड़ने जाने पर विपक्ष ने सरकार से कहा कि स्थिति स्पष्ठ करे की मंत्री सिहंदेव ने इस्तीफा क्यों दिया। विपक्ष ने संवैधानिक स्थिति साफ करने की मांग की और मंत्री के आरोप की जांच की भी उठाई मांग। बृजमोहन ने सदन में टी एस के पत्र की कॉपी लहराई और आरोप लगाया कि टी एस के द्वारा हड़ताल साजिशन कराए जाने के आरोप ही सरकार से अविश्वास को दर्शता है। मंत्री के पद छोड़े जाने पर सदन में जमकर हंगामा होता रहा। विधानसभा अध्यक्ष श्री महंत ने किसी मंत्री के द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जाना संवैधानिक मामला नही है कहा। उन्होंने इसे कोई संवैधानिक संकट भी नही है बताया। हंगामे और तीखी बहस के बीच जवाब की मांग करता रहा तो मंत्री द्वारा पद छोड़ने के मामले में हंगामे के बाद कार्यवाही 10 मिनट के लिए कार्रवाई स्थगित की गई।

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