नई दिल्ली। देश के प्रमुख cने हाल ही में विमानन सेवा के क्षेत्र में बड़ा कदम रखते हुए देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का संचालन शुरू किया था। रतन टाटा की ओर से संचालित एयर इण्डिया के संचालन के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलने लगी थी और विमानों का रखरखाव भी ठीक ढंग से किया जाता रहा। लेकिन अब एयर इंडिया के संचालन पर सवाल उठने लगे हैं। देश की सबसे बड़ी विमानन नागर विमानन महानिदेशालय ने औचक निरीक्षण के दौरान विमानों के प्रस्थान से पहले अपर्याप्त और अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मियों द्वारा उन्हें प्रमाणित करने की बात सामने आने के मद्देनजर विमानन कंपनियों का दो महीने की अवधि का विशेष लेखा परीक्षण शुरू किया है। भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों में पिछले 45 दिन में तकनीकी गड़बड़ी की कई घटनाएं हुई हैं।

इसी के मद्देनजर डीजीसीए ने पिछले महीने औचक निरीक्षण किया था। इसी बीच एक बड़ी बात सामने आई है कि पिछले तीन महीनों के दौरान एयर इंडिया की सर्विस जुड़ी शिकायतों की काफी भरमार है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के खिलाफ पिछले तीन महीने में लगभग 1,000 शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें किराया रिफंड उड़ानों की ओवरबुकिंग और कर्मचारियों के व्यवहार जैसे मुद्दों से संबंधित हैं।

एयर इंडिया पर लग चुका है जुर्माना

डीडीसीए ने इसी साल मई और जून में विभिन्न हवाई अड्डों पर शेड्यूल घरेलू एयरलाइनों का ऑडिट किया था। इस तरह के ऑडिट के दौरान एयर इंडिया को इस संबंध में नियमों का पालन नहीं करते पाया गया। इसके बाद निर्धारित प्रावधानों के अनुसार एयर इंडिया पर जुर्माना लगाया गया। पिछले महीने डीडीसीए ने पाया कि एयर इंडिया ने वैलिड टिकट होने के बाद भी एक पैसेंजर को बोर्डिंग से मना कर दिया, इतना ही नहीं बल्कि कंपनी ने पैसेंजर को हर्जाना भी नहीं दिया।

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अधिकारियों ने एक बयान में कहा था कि डीजीसीए ने बेंगलुरू, हैदराबाद और दिल्ली में सर्विलांस के दौरान लगातार जांच की. इसमें पाया गया कि एयर इंडिया ने कई मामलों में नियमों का पालन नहीं किया, इस वजह से उसपर जुर्माना लगाया गया। बता दें कि पिछले साल 8 अक्तूबर को एयरलाइन के लिए बोली जीतने के बाद टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था।

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