नई दिल्ली। हाल ही हुए देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से बनाए गए उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। आगे के राजनीतिक सफर को लेकर उन्होंने आज एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह फ़िलहाल किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।

यशवंत सिन्हा (84) ने कहा कि उन्होंने अभी यह फैसला नहीं किया है कि वह अब सार्वजनिक जीवन में क्या भूमिका निभाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं निर्दलीय रहूंगा और किसी अन्य दल में शामिल नहीं होऊंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह तृणमूल के नेतृत्व के संपर्क में हैं, सिन्हा ने ‘‘नहीं” में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी ने मुझसे बात नहीं की और मैंने भी किसी से बात नहीं की। बहरहाल, उन्होंने कहा कि वह निजी आधार पर एक तृणमूल नेता के संपर्क में हैं।

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे देखना होगा कि मैं क्या भूमिका निभाऊंगा, मैं कितना सक्रिय रहूंगा। मैं अब 84 साल का हूं, तो ये भी एक समस्या हैं। मुझे देखना होगा कि मैं कितने लंबे समय तक काम कर सकता हूं। भाजपा के धुर आलोचक सिन्हा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मार्च 2021 में तृणमूल में शामिल हो गए थे। वह 2018 में भाजपा से अलग हो गए थे।

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