cg assembly and bhupesh baghel
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बदले की कार्रवाई नहीं करता, आज आम जन सीधे सीएम से करते हैं बात – भूपेश

0 6 बैठकें, 36 घंटे 50 मिनट तक चली मानसून सत्र की कार्यवाही

रायपुर। विशेष संवादाता/टीआरपी
पक्ष विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जमकर बहस हुई। सवाल जवाब और आरोप प्रत्यारोप के बाद बुधवार-गुरुवार कट दरम्यानी रात ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया। विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा आसंदी ने की। मानसून सत्र के आखरी दिन रात 1 बजकर 28 मिनट तक चली सदन की कार्यवाही। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज से ख़ारिज हो गया। मानसून सत्र में कुल 6 बैठकों में 36 घंटे 50 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। जानकारों की मानें तो अब शीतकालीन सत्र दिसम्बर 2022 महीने के दूसरे सप्ताह में संभावित है। सत्र के अंतिम दिन विपक्ष के सभी आरोपों पर सबसे आखिर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माकूल जवाब देकर सदन से जनता तक विपक्षी आरोपों को तार तार कर दिया।

अविश्वास प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जवाब

राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक विज्ञापन के 218 करोड़ का भुगतान किया इसमें से 100 करोड़ रुपए पूर्व सरकार के विज्ञापन कि देनदारी थी। कहा गया कि गौधन न्याय योजना में विज्ञापन पर 120 करोड़ रुपये खर्च किये गये जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2020-21 में 7.44 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 2.66 करोड़ अर्थात् दोनों वर्षों के व्यय को मिलाकर केवल कुल 10 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च किए गए । हमने किसानों, राज्य के लोगों का भला करने के लिए क़र्ज़ लिया । सेंट्रल एजेंसी कार्रवाई करें हम को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सेंट्रल एजेंसी करती क्या है। सब साजिश के तहत होता है एक उद्देश्य लेकर एक आदमी को घेरने के लिए पूछताछ करती है। सामने वाले का नाम ले दो हम छोड़ देंगे इस तरीके के ऑफर देती है हमने पत्र लिखा है नान घोटाले में कौन सी एम सी है कौन सी एम मैडम है क्यों नहीं पूछती ईडी। जनता का हजारों करोड़ गया। हमने तो कार्रवाई की है 500 से अधिक डिप्टी कलेक्टर है जिनकी जांच की। हम भष्टाचार रोकने की दिशा में काम करते है। पिछली सरकार में मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है तो सेंट्रल एजेंसी जांच क्यों नहीं करती हम ने गृह मंत्री वित्त मंत्री को पत्र लिखा है जांच होनी चाहिए छत्तीसगढ़ के गरीब जनता का पैसा जमा है उसे लूटा गया है उसकी जांच होनी चाहिए। गया तो पैसा कहां गया ईडी क्या कर रही है हमें डर किसी बात का नहीं है हम तो लिख कर भेजे हैं मेरे दादा के पास 1000 एकड़ जमीन है। मेरे परिवार में भिलाई स्टील प्लांट को जमीन दिया। जिस अधिकारी ने मेरे खेत को छुट्टी के दिन भरी बरसात में नपवाया था मैं बदले की कार्रवाई नहीं करता वही आज मेरा सचिव है। आज आम जनता अपने मुख्यमंत्री से सीधे बात कर सकती है। हमने छत्तीसगढ़िया का आत्मबल बढ़ाया हम गढ़ रहे हैं नवा छत्तीसगढ़। राज्य कि 58 में से 52 कोयला खदाने SECL के पास है। अनियमितता का पता चलते ही हमने कार्यवाही की है। काम करते समय त्रुटि हो सकती है , लेकिन हमारी नीयत में कोई खोट नहीं है । आदिवासी कला, आदिवासी संस्कृति सभी को हम सुरक्षित और संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। मेरी अनुशंसा पर अध्यक्ष बने हैं मोहन मरकाम, हमारी सहमति थी जब अध्यक्ष बने उसको भी विपक्ष मुद्दा बना लिया। संगठन चुनाव को लेकर कुछ बातें थी उसके निर्देश हमने दिए वह क्या है अविश्वास का मुद्दा बना सकता है क्या ?

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