नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। दिल्ली और पंजाब में जीत के बाद उत्साहित अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के गृहराज्य में भाजपा को चुनौती देने की कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए वह आक्रामक तरीके से प्रचार में जुट गए हैं। हाल ही में कई बार दौरा कर चुके अरविंद केजरीवाल 1 अगस्त को फिर गुजरात जाएंगे। आप संयोजक अगले महीने के पहले 10 दिन में से चार दिन वहां बिताएंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री 1 अगस्त को सोमनाथ में एक जनसभा करेंगे। इसके बाद वह 3, 7 और 10 अगस्त को भी गुजरात का दौरा करेंगे। गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को केजरीवाल ने सूरत में ‘पहली गारंटी’ का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो हर परिवार को प्रति महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। उन्होंने 31 दिसंबर 2021 तक के सभी पुराने लंबित बिलों को भी माफ करने का वादा किया।
इसके बाद 26 जुलाई को भी अरविंद केजरीवाल गुजरात पहुंचे। उन्होंने सोमनाथ में पूजा अर्चना के बाद राजकोट में व्यापारियों से बातचीत की। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर राज्य में व्यापारियों के लिए कारोबार आसान बनाने का वादा किया। इसके बाद आप संयोजक बोटाड के उस अस्पताल में भी गए जहां जहरीली शराब पीने से बीमार पड़े लोग भर्ती थी। घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से भी उन्होंने मुलाकात की और राज्य सरकार पर निशाना साधा।
कम से कम कांग्रेस की जगह लेने की कोशिश
गुजरात में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को आप की एंट्री ने त्रिकोणीय बना दिया है। अब तक यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही टक्कर होती थी। यह पहली बार है जब ‘आप’ ने यहां पूरा जोर लगा दिया है। करीब एक दशक पुरानी पार्टी का पहला टारगेट 125 साल पुरानी कांग्रेस से गुजरात में उसका स्थान छीनना है। पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने भी खुलकर कहा कि कार्यकर्ता सुनिश्चित करें कि कांग्रेस का सारा वोट ‘आप’ को मिले। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि ‘आप’ यहां मुख्य विपक्षी पार्टी भी बन पाती है तो यह उसके लिए बड़ी सफलता होगी। सियासी तौर पर इसके मायने महत्वपूर्ण होंगे।
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